एक और सलमान खान पर हमले की साजिश का खुलासा, करीब पहुंच चुके थे शूटर्स
नई दिल्ली
बॉलिवुड स्टार सलमान खान के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग हाथ धोकर पड़ा है। सलमान खान पर हमले का प्रयास कर चुके गैंग की एक और साजिश का खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई गैंग के तीन शूटर्स ने सलमान खान के फॉर्म हाउस की बारीकी से रेकी कर ली थी। सिद्धू मूसेवाला की हत्या से पहले वह सलमान खान के खिलाफ अपनी नापाक साजिश को अंजाम देने के बेहद करीब पहुंच गए थे।
दरअसल, सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में नेपाल से पकड़े गए कपिल पंडित को भारत लाया गया है। उससे पूछताछ में खुलासा हुआ कि कुछ महीने पहले मुंबई के पनबेल में स्थित सलमान खान के फॉर्म हाउस की रेकी की गई थी। कपिल पंडित ने तीन लोगों के साथ रेकी की थी। वह फॉर्म हाउस के पास ही किराए के कमरे में रहते थे। फार्म हाउस के गार्ड से दोस्ती भी कर ली थी। सलमान खान कब किस गाड़ी से आते हैं, गाड़ी की स्पीड कब होती है। सबकुछ पता लगा लिया गया था। इसके लिए शूटर्स ने फॉर्म हाउस के गार्ड्स से दोस्ती भी कर ली थी। उन्होंने खुद को सलमान खान का फैन बताया था।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के स्पेशल सीपी एचजीएस धालीवाल ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, ''पहले जब संपत नेहरा की जब गिरफ्तारी हुई थी तो पता चला था कि सलमान खान की रेकी की गई थी। उसकी गिरफ्तारी के बाद हथियार भी बरामद हुआ था। सिद्धू मूसेवाला केस में इनके सिंडिकेट के मेंबर संतोष जाधव और उसके कुछ साथियों से पूछताछ की गई। सामने आया कि इन्होंने दूसरी बार भी काफी रेकी की थी। जब कपिल पंडित और दीपक मुंडे गिरफ्तार किए गए तो पता चला कि सचिन बिश्नोई और कपिल पंडित के साथ संतोष जाधव भी था। कुछ दिनों पहले इन्होंने उनके फॉर्म हाउस की रेकी की थी।''
लॉरेंस बिश्नोई की सलमान से क्या दुश्मनी?
सलमान खान से लॉरेंस की बिश्नोई की दुश्मनी 'काले हिरण' को लेकर है। दरअसल, बिश्नोई समाज की काले हिरण में धार्मिक आस्था है। बिश्नोई काले हिरण को अपने धार्मिक गुरु भगवान जमेश्वर, जिन्हें जंबाजी नाम से भी जाना जाता है, का पुनर्जन्म मानते हैं। बिश्नोई पहली बार तब सुर्खियों में आया था जब उसने 1998 के काले हिरण की हत्या को लेकर सलमान खान से बदला लेने का ऐलान किया था। सलमान खान ने राजस्थान में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान काले हिरण का शिकार किया था। इस केस में दोषी करार दिया जा चुका है और 2018 में 5 साल की सजा सुनाई गई थी।