November 26, 2024

कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी से बनाई दूरी, फिर भी अड़े चन्नी; फिर किया अमृतपाल का समर्थन

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नई दिल्ली

कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा था कि पंजाब के एक सांसद पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाकर जेल में बंद कर रखा है। वह सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पा रहा है और उससे जनता को नुकसान हो रहा है। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन इशारा सीधे तौर पर खालिस्तानी अमृतपाल सिंह की ओर था। इसे लेकर विवाद शुरू हो गया और रवनीत सिंह बिट्टू से उनकी तीखी बहस भी हुई। चरणजीत सिंह चन्नी के बयान से कांग्रेस ने पल्ला झाड़ लिया था। जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि चन्नी के बयान से पार्टी का संबंध नहीं है।

कांग्रेस ने चन्नी के बयान से पल्ला झाड़ लिया है, लेकिन अब भी चन्नी पीछे हटने को तैयार नहीं है। उन्होंने दैनिक ट्रिब्यून से बातचीत में फिर सवाल उठाए हैं। जालंधर के सांसद ने कहा, 'यदि अमृतपाल सिंह खालिस्तानी है तो फिर उसके नामांकन पत्रों को खारिज क्यों नहीं किया गया? उसे आखिर संसद क्यों लाया गया और सांसद के तौर पर शपथ भी दिलाई गई। अमृतपाल सिंह ने संविधान की शपथ ली है और उसे संसद की कार्यवाही में हिस्सा न लेने देना उन लोगों के साथ अन्याय है, जहां से उसने चुना गया है।'

खुद पर लग रहे आरोपों पर जवाब देते हुए चन्नी ने कहा कि मुझ पर खालिस्तानियों की मदद का आरोप लग रहा है। अमृतपाल सिंह डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। आखिर उसके नामांकन करने और चुनाव लड़ने के लिए दरवाजे किसने खोले थे। यही नहीं चन्नी ने कहा कि मुझ पर आरोप लगा कि मैं संसद में झूठ बोल रहा हूं कि किसानों पर भी NSA लगा। जबकि मेरा दावा सही था। 4 किसानों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई हुई थी। हालांकि बाद में इसे हटाने की भी प्रक्रिया शुरू हुई थी। यह सारी बात रिकॉर्ड में है। अंबाला पुलिस ने खुद फरवरी 2024 में एक प्रेस नोट जारी किया था, जिसमें यह बात लगी थी।

'रवनीत बिट्टू तो नई बहू जैसा बर्ताव कर रहे हैं'

रवनीत सिंह बिट्टू के आरोपों पर चन्नी ने कहा, 'बिट्टू जी यदि आपको लगता है कि मेरे करोड़ों रुपये की दौलत है तो आइए इसे बदल लेते हैं। मैं आपको एक विकल्प देता हूं। आपके पास जो दौलत है, वह मुझे दे दीजिए। जो मेरे पास है, उसे आप ले लें।' इस तरह निजी हमले करने पर चन्नी ने कहा कि मैं ज्यादा कुछ कहना नहीं चाहता। लेकिन उनका बर्ताव ऐसा है, जैसे एक नई बहू अपने ससुराल वालों को खुश करने के लिए करती है। गौरतलब है कि रवनीत सिंह बिट्टू लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए थे।

 

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