लम्पी स्किन रोग से बचाव और रोकथाम के लिए टीकाकरण जारी
सुकमा
देश के कुछ राज्यों में पशुओं में गांठदार त्वचा रोग (लम्पीस्कीन रोग) के लक्षण देखने को मिले है। यह रोग गौवंशी तथा भैंसवंशी पशुओं में गांठदार त्वचा रोग वायरस के संक्रमण के कारण होता है। जिले में लम्पी स्किन रोग से बचाव और रोकथाम के लिए पशुधन विकास विभाग द्वारा नियमित रुप से बार्डर चेकिंग के साथ-साथ आवश्यक उपाय किये जा रहे है। विभाग द्वारा पशुओं में नियमित रूप से गोट पॉक्स टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है। साथ ही वेक्टर नियंत्रण के लिए डी टिकिंग का कार्य किया जा रहा है।
डॉ. एस. जहीरूद्दीन उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवायें जिला सुकमा ने बताया कि लम्पी स्किन रोग के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए संचालक पशु चिकित्सा सेवायें रायपुर एवं कलेक्टर जिला सुकमा के निदेर्शानुसार जिला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। जिसमें डॉ. उमेश बघेल (पचिस. शल्यज्ञ) (7000034680) को जिला नोडल एवं नियंत्रण कक्ष प्रभारी नियुक्त किया गया है। जिले के सीमावर्ती ग्रामों में अन्य राज्यों से पशुओं के आवागमन पर नियंत्रण के लिए सीमावर्ती ग्रामों में चेकपोस्ट स्थापित कर नियमित बार्डर चेकिंग का कार्य किया जा रहा है, इन ग्रामों में पशुमेला का आयोजन पर प्रतिबंध कर पशु बिचौलियों पर निगरानी रखी जा रही है। उन्होने बताया कि रोग नियंत्रण के लिए व्यापक प्रसार-प्रचार किया गया है। सीमावर्ती ग्रामों के पंच, सरपंच, सचिव एवं कोटवारों को निर्देशित करने हेतु समस्त जनपद पंचायतों को अवगत कराया गया है। उनके व्दारा ग्रामों में मुनादी कर सघन जागरूकता अभियान चलाया गया है।