Cheetah in India: भारत में भी बसेगा चीतों का कुनबा, 74 साल बाद होगी देश में वापसी
नई दिल्ली
भारत में एक बार फिर चीतों का कुनबा बसने जा रहा है। देश की धरती पर करीब 74 सालों के बाद जंगल की इस विशेष प्रजाति की वापसी होने जा रही है। इन्हें नामीबिया से भारत लाया जा रहा है। खबर है कि बी747 नामीबिया पहुंच गया है और ये 8 चीते शुक्रवार को भारत के लिए उड़ान भरेंगे और शनिवार को देश की सरजमीं पर कदम रखेंगे। अब इस योजना को विस्तार से समझतें हैं। नामीबिया से विशेष समझौते के तहत ये चीते भारत लाए जा रहे हैं। बी747 जंबो जेट नामीबिया की राजधानी विंडहोक स्थित होस कुताको इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरेगा। इस दौरान कुल 8 चीते सवार होंगे। इनमें तीन नर और 5 मादा चीते शामिल हैं। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में इन्हें छोड़ेंगे।
भारत में क्या हैं तैयारियां
चीतो के विलुप्त होने के बाद भारत ने कई जगहों पर इनकी वापसी का मन बना लिया था। ऐसे में कूनो नेशनल पार्क को यह गौरव प्राप्त हुआ और यहां शनिवार को चीते पहुंच रहे हैं। खबर है कि पार्क में जानवरों के लिए खास सुविधाओं का इंतजाम किया गाय है। स्टाफ को विशेष ट्रेनिंग दी गई है। समाचार के अनुसार, सबसे पहले ये चीते 17 सितंबर को जयपुर पहुंचेंगे। जयपुर हवाई अड्डे पर चीतों के स्वास्थय मूल्यांकन के लिए एक विशेष टीम तैयार रहेगी। इन चीतों के जयपुर पहुंचने के मद्देनजर जयपुर हवाई अड्डे पर विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं और इसके लिए वन विभाग, हवाई अड्डा, सुरक्षा में लगी सीआईएसफ की बैठक हुई जिसमें सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के बारे में विचार विमर्श किया गया। इन चीतों के जयपुर पहुंचने के कुछ देर में ही उन्हें वायुसेना के दो चिनूक हैलीकाप्टरों से मध्यप्रदेश ले जाया जायेगा। जिसके लिए वायुसेना का एक चिनूक हैलीकाप्टर जयपुर पहुंच चुका है।
एक बार समझौते के बारे में समझें
इस कंसेप्ट का पहली बार जिक्र साल 2009 में किया गया था। तब चीता कंजर्वेशन फंड के डॉक्टर लारी मार्कर, ब्रूस ब्रुअर और स्टीफन जे ओ ब्रायन सरकार के साथ परामर्श से जुड़ी बैठकों के लिए भारत आए थे। दरअसल CCF एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है, जिसका मुख्यालय नामीबिया में है। इस बैठक के बाद भी 12 सालों के अंतराल में भारत सरकार के निमंत्रण पर डॉक्टर मार्कर ने कई बार भारत का दौरा किया।