उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जबलपुर में, जगदीप धनखड़ ने कहा- मैं MP की पावन भूमि पर आकर अभिभूत हूं
जबलपुर
देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज सुबह 10 बजे भारतीय सेना के विमान से डुमना एयरपोर्ट पहुंचे। यहां उनका स्वागत राज्यपाल मंगूभाई पटेल सहित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुष्प गुच्छ भेंट कर किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, जबलपुर जिले के प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित सभी प्रशाासनिक अधिकारियों ने भी उनकी अगवानी की। उप राष्टÑपति को यहां एयरपोर्ट पर ही गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया। इसके तत्काल बाद उप राष्टÑपति मानस भवन राईट टाउन के लिए रवाना हो गए। यहां मानस भवन में जस्टिस जेएस वर्मा की स्मृति में आयोजित व्याख्यान माला समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
दोपहर साढ़े बारह बजे उप राष्टÑपति का काफिला यहां से माल गोदाम चौक पहुंचा। यहां अमर बलिदानी राजा शंकरशाह कुंवर रघुनाथ शाह की प्रतिमा पर माल्यापर्ण और बंदी गृह स्थल को नमन करने तथा अमर बलिदानियों को श्रद्धासुमन अर्पित के बाद उप राष्टÑपति मुख्य कार्यक्रम स्थल विटनरी कॉलेज ग्राउंड पहुंचे। यहां राजा शंकरशाह-कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर आयोजित समारोह में उन्होने शिरकत की। उन्होने जिला प्रशासन द्वारा आयोजित समारोह में उप राष्टÑपति ने आदिवासी विभूतियों को सम्मानित किया। समारोह के दौरान संभाग कमिश्नर बी. चंद्रशेखर, आईजी उमेश जोगा, डीआईजी आरआरएस परिहार, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा सहित समस्त पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे।
मानस भवन में जस्टिस वर्मा स्मृति व्याख्यान माला में हिस्सा लेने के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ वेटरनरी कॉलेज में आयोजित राजा शंकर शाह-कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस के कार्यक्रम में पहुंचे। इस मौके पर बड़ी संख्या में आदिवासी भी शामिल हुए। इसके पहले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पहुंचे।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, मैं मध्यप्रदेश पावन भूमि पर आकर अभिभूत हूं। मैं इस भूमि को नमन करता हूं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को धन्यवाद प्रेषित करता हूं कि उन्होंने जनजाति के विकास के लिए दिल से काम किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा- छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय को अब शंकर शाह विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के युवाओं को आर्मी और पुलिस की भर्ती से पूर्व प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा, वन समिति के शक्ति बढ़ाई गई है। तेंदू पत्ता बेचेंगे और उसका लाभ भी रखेंगे। जनजातियों के विकास में सरकार कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा, छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय को अब शंकर शाह विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा। बिरसा मुंडा जयंती जो 15 नवंबर को होनी है,इसे जनजाति गौरव दिवस के नाम पर देशभर में मनाया जाएगा। मध्य प्रदेश में इस दिन अवकाश होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, आदिवासियों से नियम विरुद्ध कोई वसूली नहीं कर सकेगा। सूदखोरों पर सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा- न्याय की भाषा मातृभाषा क्यों नहीं हो सकती
न्यायमूर्ति जेएस वर्मा स्मृति व्याख्यान माला में अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत में न्याय की भाषा मातृभाषा क्यों नहीं हो सकती। मध्य प्रदेश में राजभाषा हिंदी में न्याय किया जाए और अन्य प्रांतों में वहां की स्थानीय भाषा में बहस सुनी और फैसले सुनाए जाएं। यह इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि भारत की 92 प्रतिशत जनसंख्या को अंग्रेजी नहीं आती। जहां तक मध्य प्रदेश शासन का सवाल है, तो उसने इसी वर्ष से मेडिकल व इंजीनियरिंग की शिक्षा हिंदी माध्यम से शुरू करने का कदम उठा लिया है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को याद किया जिन्होंने संयुक्त राष्ट्रसंघ में हिंदी में भाषण दिया था। साथ ही वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उल्लेख किया जो दुनिया के अनेक देशों में बिना किसी झिझक के हिंदी में भाषण दे चुके हैं।
आम आदमी आंख मूंदकर न्यायपालिका पर भरोसा करता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की धरती से उभरकर राष्ट्रीय न्यायिक क्षितिज पर छा जाने वाले न्यायमूर्ति जगदीश शरण वर्मा का जिक्र छिड़ते ही हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। उनका नाम सुनते ही संपूर्ण न्याय-जगत गर्व से भर जाता है। विशाखा गाइडलाइन व निर्भया मामले में न्यायमूर्ति वर्मा के न्यायिक योगदान को कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता। दरअसल, न्यायपालिका की यही तो गरिमा है कि आम आदमी आंख मूंदकर न्यायपालिका पर भरोसा करता है, क्योंकि उसे पूरा भरोसा होता है कि उसे न्याय मिलकर ही रहेगा।