October 2, 2024

NCRB की रिपोट, करप्शन पर एक्शन में MP 6वें नंबर पर, 1300 से ज्यादा भ्रष्टाचारियों के केस पेंडिंग

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भोपाल
करप्शन पर एक्शन में मध्य प्रदेश देश में भले ही छठवें नंबर पर हों, लेकिन कोर्ट में पेडेंसी के साथ ही लोकायुक्त पुलिस और ईओडब्ल्यू की जांच में रफ्तार दिखाई नहीं देती । कोर्ट में ट्रायल और दोनों संस्थानों में जांच की पेडेंसी 1300 का आंकड़ा पार कर चुकी है। हालांकि पिछले तीन साल में प्रदेश की लोकायुक्त पुलिस और ईओडब्ल्यू ने पिछले तीन सालों में 719 प्रकरण ट्रैप के साथ ही अनुपातहीन सम्पत्ति और अन्य के दर्ज किये हैं।  यह खुलासा एनसीआरबी की रिपोर्ट में हुआ है।

करप्शन पर जीरो टॉरलेंस वाले मध्य प्रदेश में भ्रष्टों पर नकेल के मामले में जांच धीमी गति से चल रही है। भ्रष्टाचार के मामलों में  एनसीआरबी की वर्ष 2021 की रिपोर्ट में बताया कि 584 दर्ज मामलों में जांच चल रही थी। जबकि वर्ष 2021 में 250 केस रजिस्टर्ड किये गए। जबकि वर्ष 2021 शुरू हुआ था तक लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में 529 शिकायतें पेंडिंग में थी। इसके बाद साल खत्म होते होते लंबित जांचों की संख्या में 55 मामले और जुड गए। हालांकि दर्ज प्रकरणों के अनुसार देश में मध्य प्रदेश का नंबर छठवां हैं।

इधर अदालतों में भी भ्रष्टाचारियों के प्रकरणों की पेंडेंसी बढ़ती ही जा रही है। वर्ष 2021 की शुरूआत में 608 प्रकरण ट्रायल में थे, जबकि वर्ष के अंत तक यह संख्या बढ़कर 803 हो गई। जबकि इस वर्ष इस तरह के 195 मामले कोर्ट में भेजे गए।

अनुपातहीन सम्पत्ति के मामले सिर्फ 23
प्रदेश में वर्ष 2021 में ट्रैप के सबसे ज्यादा मामले सामने आए। इसमें 200 प्रकरण बनाए गए। जबकि अनुपातहीन सम्पत्ति के मामले सिर्फ 23 की दर्ज हुए। इसके अलावा भ्रष्टाचार से जुड़े अन्य मामलें 27 दर्ज किए गए।

जांच में रही गंभीरता
लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू पुलिस की जांच में गंभीरता दिखाई देती है। इस दौरान कई लोग कोर्ट में पहुंचे कि उनका केस खत्म किया लाए, लेकिन कोर्ट से किसी को भी इस तरह ही राहत नहीं मिल सकी। वहीं बिना ट्रायल के भी मध्य प्रदेश में एक भी भ्रष्टाचारी का केस खत्म नहीं किया गया। जबकि महाराष्टÑ में 79, कर्नाटक में 39, ओडिसा में 59 मामले में बिना ट्रायल के ही खत्म कर दिए गए।

एमपी से आगे ये स्टेट
करप्शन पर एक्शन के मामले में एमपी से आगे पांच स्टेट हैं। जिसमें महाराष्टÑ नंबर एक पर है, यहां पर वर्ष 2021 में 773 प्रकरण दर्ज हुए। जबकि दूसरे नंबर पर राजस्थान है, तीसरे नंबर पर तमिलनाडु, चौथे नंबर पर कर्नाटका, पांचवे नंबर पर उडीसा है। इसके बाद मध्य प्रदेश ने करप्शन पर एक्शन लिया।

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