100 साल पुराने बांधों, जलाशयों को हेरिटेज वाटर स्ट्रक्चर की कैटेगरी में किया जाएगा शामिल
भोपाल
आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान प्रदेश में अमृत सरोवर तैयार कराने के बाद अब राज्य सरकार प्रदेश के 100 साल पुराने बांधों, जलाशयों का पता लगा रही है। इन बांधों को हेरिटेज वाटर स्ट्रक्चर की कैटेगरी में शामिल किया जाएगा और केंद्र सरकार की ओर से ऐसे स्ट्रक्चर की सुरक्षा, व्यवस्था को लेकर तय होने वाली नीति में प्रबंधन का इंतजाम किया जाएगा। केंद्र सरकार ने ऐसे बांधो, जलाशयों की सूची राज्यों से मांगी है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने इसको लेकर राज्य सरकार से जानकारी मांगी है। इसमें कहा गया है कि आजादी के अमृत महोत्सव काल में सौ साल या उससे पुराने बांधों, जलाशयों को इंपार्टेंट वाटर हेरिटेज स्ट्रक्चर के रूप में मान्यता दी जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने कार्ययोजना तैयार की है। इसलिए प्रदेश में मौजूद ऐसे स्ट्रक्चर की जानकारी दी जाए। इसके बाद जल संसाधन विभाग ने प्रदेश के सभी मुख्य अभियंताओं से जिलों में मौजूद सौ साल या अधिक पुराना जल संरचनाओं की जानकारी मांगी है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर अमृत सरोवर बनाने का काम पहले से ही चल रहा है और पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से बनवाए जा रहे इन सरोवरों की नेशनल लेवल पर सराहना खुद प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम के जरिये कर चुके हैं।
यह जानकारी देना होगी
वाटर हेरिटेज स्ट्रक्चर के लिए जलाशय, बांध का नाम देने के साथ उस गांव, जिला और जीपीएस की जानकारी देना होगी जहां वह मौजूद है। इसके साथ ही स्टेप वेल, टैंक, आर्टिफिशियल लेक होने की स्थिति में उसकी जानकारी भी दिया जाना है। सरकार ने इसे बनाने वाले, शासक, इंजीनियर के बारे में भी ब्यौरा मांगा है। अधिकारियों से स्ट्रक्चर की मौजूद उपयोग की स्थिति की जानकारी भी मांगी है।