November 24, 2024

PM मोदी पर 2024 में सीधे वार को तैयार नीतीश कुमार? समझें JDU का ‘बिहार+UP’ फॉर्मूला

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नई दिल्ली
2024 लोकसभा चुनाव और नीतीश कुमार। ये जोड़ी राजनीति में चर्चा का विषय बनी हुई है। अब इस चर्चा को हवा उत्तर प्रदेश जनता दल (यूनाइटेड) ने दे दी है। खबर है कि प्रदेश इकाई ने बिहार के मुख्यमंत्री के सामने लोकसभा चुनाव UP से लड़ने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि, सीएम कुमार की तरफ से इसे लेकर अभी कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। लेकिन जदयू की बिहार इकाई ने तो पोस्टर के जरिए दावा कर दिया है, 'यूपी + बिहार = गयी मोदी सरकार'।

खबर है कि यूपी जदयू इस दांव के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधी चुनौती देना चाहती है। पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी है। पटना में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव सीएम कुमार के सामने रखा गया था। इसके अलावा खुद कुमार भी गुरुग्राम के अस्पताल में इलाज करा रहे यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की थी।

कहां से कर सकते हैं लड़ने की तैयारी
यूपी जदयू के अध्यक्ष अनूप सिंह पटेल का कहना है कि उन्होंने कुमार से मिर्जापुर, फूलपुर या आंबेडकर नगर से लड़ने की बात कही है। इन सीटों पर अन्य पिछड़ा वर्ग यानी OBC मतदाताओं का वर्चस्व है। वहीं, इनमें से अधिकांश कुर्मी, मौर्य, शाक्य, कुशवाह और सैनी समुदाय से आते हैं। अब सीएम कुमार खुद कुर्मी समुदाय से हैं, जिनकी मजबूत मौजूदगी पूर्वी, मध्य यूपी और बुंदेलखंड में है।

पटेल कहते हैं कि अगर पार्टी को राष्ट्रीय राजनीति करनी है, तो उसे यूपी में आना होगा। उन्होंने बताया कि जदयू ने यूपी में सदस्यता अभियान शुरू कर दिया है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उन्होंने दावा किया है कि पार्टी 20 लोकसभा सीटों पर उतरने की तैयारी कर रही है और बिहार के सीएम जल्दी मिर्जापुर और जौनपुर में रैलियों को संबोधित करेंगे।

पीएम को चुनौती कैसे?
अब मिर्जापुर और फूलपुर क्षेत्र वाराणसी के पास हैं। साथ ही मिर्जापुर से अपना दल (एस) नेता अनुप्रिया पटेल सांसद हैं, जो केंद्रीय मंत्री भी हैं। यहां कुर्मी आबादी ज्यादा है। इसके अलावा फूलपुर और आंबेडकर नगर जनसांख्यिकी के मामले में वाराणसी से मिलता जुलता है। दरअसल, यहां ओबीसी, सवर्ण और मुस्लिम आबादी काफी है।

JDU का यूपी में पुराना रिकॉर्ड
2019 लोकसभा चुनाव में जदयू ने यूपी में चुनाव नहीं लड़ा था। वहीं, 2022 विधानसभा चुनाव में जदयू ने 27 सीटों पर दांव खेला था और एक भी सीट जीतने में नाकाम रही थी। इतना ही नहीं 26 सीटों पर पार्टी की जमानत भी जब्त हो गई थी।

इस बार अलग क्या?
इस बार नीतीश ने बिहार से बाहर निकलकर दिल्ली की ओर देखा है। साथ ही वह भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को भी एकजुट करने की तैयारी करते दिख रहे हैं। हाल ही में उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, वाम नेता सीताराम येचुरी और डी राजा, राष्ट्रीय जनता दल के शरद यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और इंडियन नेशनल लोक दल के नेता ओम प्रकाश चौटाला से मुलाकात की थी।

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