शिव शासन में कौन खा गए महिलाओं, बच्चों का राशन ?
( अमिताभ पाण्डेय )
भोपाल
मध्य प्रदेश कांग्रेस आरोप पत्र समिति के उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में बच्चों के मुंह का निवाला छीनकर करोड़ों का पोषण आहार घोटाला किया गया है।
उन्होंने सवाल किया कि ये घोटाला करने वाले कौन हैं ?
पोषण आहार के नाम पर करोड़ों रुपयों की गड़बड़ी करने वाले घोटालेबाज , भ्रष्ट कौन हैं ? इनको किसका संरक्षण है?
इसकी निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाना चाहिए।
श्री सकलेचा आज धार जिला मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। इस अवसर पर धार जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम,सरदारपुर के विधायक प्रताप ग्रेवाल,धरमपुरी के विधायक पाचीलाल मेडा एवं अन्य कांग्रेसी नेताओं ने पत्रकारों को संबोधित किया।
कांग्रेस नेताओं के अनुसार वर्ष 2007-08 से लेकर वर्ष 2021-22 तक प्रदेश में 15 हजार करोड़ रुपए के पोषण आहार का घोटाला हुआ।
कांग्रेसी नेताओं ने महालेखाकार केग की रिपोर्ट के आधार पर शिवराज सरकार पर व्यापम घोटाले से भी बड़ा पोषण आहार घोटाला करने का आरोप लगाया। इस मौके पर धार जिले में पोषण आहार में जो गोलमाल किया गया है उसकी जानकारी भी दी गई।
पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने जानकारी देते हुए बताया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संरक्षण में पोषण आहार में वर्ष 2007-08 से लेकर वर्ष 2020-21 तक लगभग 15 हजार करोड का महा घोटाला किया गया । यह व्यापम घोटाले से भी बड़ा महाघोटाला है।
श्री सकलेचा के अनुसार 12 सितंबर 2022 को प्रधान महालेखाकार द्वारा पत्र के माध्यम से वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 20-21 की टेक होम राशन की जांच की ड्राफ्ट रिपोर्ट राज्य शासन को उनके अभिमत के लिए भेजी है जिससे स्पष्ट है कि बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं, किशोर बालिकाओं की संख्या 70 से 90% तक बताते हुए उन्हें सड़ा गला पोषण आहार जो जानवरों को खिलाने के लायक भी नहीं था दे दिया गया ।
उसी का दुष्परिणाम है कि मध्य प्रदेश की शिशु मृत्यु दर देश में सबसे ज्यादा 46(2019) और मातृ मृत्यु दर 163 2017-19 है।
केग की रिपोर्ट के अनुसार धार सहित आठ जिलों में पोषण आहार की वर्ष 2018-19 से वर्ष 20-21 तक जांच की । इसमें धार जिले में भी पोषण आहार में जमकर गोलमाल पाया गया ।
धार जिले के तिरला,नालछा,उमरबन, मनावर तथा बदनावर ने बेसलाइन सर्वे प्रोफार्मा ही नहीं दिया।
इसी प्रकार गंधवानी ने टेक होम राशन का अप्रैल 2018 से मई 2018 तक मार्च 2019 से मार्च 2021 तक का रिकॉर्ड नहीं दिया।
ग्राम मवाड़,कड़ोला खुर्द , कोट, भीडोता ने टेक होम राशन की प्राप्ति और वितरण का रिकॉर्ड ही नहीं बनाया जिससे साबित होता है कि पोषण आहार में बड़ा खेल किया गया है।
कांग्रेस नेताओं ने जिले में पोषण आहार घोटाले को लेकर बताया कि शाला त्यागी बालिकाओं की संख्या में मनमाफिक हेरफेर किया गया है ।
शाला त्यागी बालिकाओं की बोगस संख्या बताई गई ।
पोषण आहार का क्षमता से ज्यादा उत्पादन , कच्चे माल तथा उत्पादन की मात्रा में भारी अंतर पाया गया है ।
बिजली की खपत तथा उत्पादन मात्रा में भी असंतुलन से जाहिर है की गड़बड़ी हुई है ।
बोगस वितरण एवं वितरण हेतु वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर जिन ट्रकों के दिए गए हैं , वह असल में स्कूटर , कार , टैंकर तथा आटो के नंबर हैं।
पोषण आहार वितरण करने वाले वाहनों को एक करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया है।
राशन वितरण नहीं करना, गुणवत्ता विहीन राशन का वितरण करना, हितग्राहियों की संख्या में हेरफेर , डी पी ओ एस तथा सीडीपीओएस का नियम अनुसार विजिट नहीं किया जाना ऐसे प्रमुख तथ्य हैं जो घोटाले को उजागर करते हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि प्रदेश के कई जिलों में कोरोना काल में 12 सौ करोड़ का पोषण आहार घर घर जाकर देना बताया जबकि पूरे समय कठोर लॉकडाउन लगा हुआ था।
यह फर्जीवाड़े की हद है।
कांग्रेसी नेताओं ने आरोप लगाया कि जब व्यापम महा घोटाला हुआ था तब वह विभाग भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास था और अब पोषण आहार महा घोटाला हुआ है तब भी विभाग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अधीन है।
इसी कारण उन्होंने ने 14 दिसंबर 2022 को विधानसभा में महालेखाकार की रिपोर्ट को आड़े हाथों लिया तथा इस महा घोटाले का जमकर बचाव किया।
बच्चे , गर्भवती तथा धात्री महिलाओं एवं शाला त्यागी किशोर बालिका का राशन “शिव”शासन खा गया और इस महा घोटाले से ध्यान हटाने के लिए सरकार ने चीतो के विज्ञापन पर 100 करोड़ से ज्यादा खर्च कर दिए।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए धार में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में इस महा घोटाले को घर-घर तक जन जन तक बताया जाएगा ।
प्रतिवर्ष हजारों करोड़ के महा घोटाले तथा प्रतिवर्ष डेढ़ करोड़ बच्चे माता तथा किशोर बालिकाओं का राशन चट करने वालों को कांग्रेस पार्टी बेनकाब करेगी।