November 15, 2024

पार्टी-प्रदेश एकसाथ चाहें अशोक गहलोत, चुनौती देंगे 2 दिग्गज; कैसे करेंगे मुकाबला?

0

नई दिल्ली
कांग्रेस अध्यक्ष पद की दावेदारी के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगभग तैयार नजर आ रहे हैं। बुधवार को वह दिल्ली में अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने पहुंचे। खास बात है कि उनकी बातों में प्रदेश और पार्टी साथ चलाने की इच्छा के संकेत मिल रहे हैं। साथ ही राजस्थान नहीं छोड़ने को भी पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ टकराव के तौर पर देखा जा रहा है। इधर, पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता शशि थरूर के भी चुनाव लड़ने की संभावनाएं हैं।

पहले गहलोत बनाम पायलट का एंगल समझें
अध्यक्ष पद की दौड़ में आगे चल रहे गहलोत राजस्थान को नहीं छोड़ना चाह रहे। मंगलवार को विधायकों के साथ हुई बैठक में उन्होंने कथित तौर पर भरोसा दिलाया कि 'वह दूर नहीं जा रहे'। खबरें हैं कि उन्होंने कहा कि 'मैं कहीं नहीं जा रहा, चिंता मत करो।' इससे संकेत मिल रहे हैं कि वह सीएम पद छोड़ने के मूड में नहीं हैं।

अटकलें लगाई जा रही थीं कि अगर गहलोत कांग्रेस प्रमुख के तौर पर दिल्ली का रुख करते हैं, तो पायलट को सीएम पद मिल सकता है। जबकि, गहलोत विधायकों को भरोसा दिलाते नजर आ रहे हैं कि वह राज्य की सेवा में जुटे रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि वरिष्ठ नेता ने आलाकमान से कह दिया है कि पार्टी अध्यक्ष बनने की सूरत में भी वह कुछ समय तक राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं।

वफादार को कुर्सी देने की चाह
खबरें हैं कि दिल्ली जाने की स्थिति में गहलोत राजस्थान की गद्दी अपने किसी वफादार को ही सौंपना चाहते हैं। कहा जा रहा है कि ऐसा नहीं होने पर वह खुद कार्यकारी अध्यक्ष और सोनिया गांधी के अध्यक्ष होने के साथ दोनों पद संभालेंगे।

इसे क्यों कहा जा रहा है गहलोत बनाम पायलट
राजस्थान में गहलोत और पायलट के बीच टकराव की कहानी नई नहीं है। साल 2020 में पायलट ने गहलोत सरकार में बगालत कर दी थी और 18 विधायकों के साथ दिल्ली पहुंच गए थे। तब गहलोत ने उनपर सरकार गिराने की कोशिश के आरोप लगाए थे। नतीजा यह हुआ कि पायलट को उपमुख्यमंत्री का पद गंवाना पड़ा। अब 2022 में भी दोनों के बीच नया तनाव जन्म लेता दिख रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पायलट एक व्यक्ति के दो पदों पर होने पर सवाल उठा रहे हैं। इसपर गहलोत का कहना है कि पार्टी में एक व्यक्ति एक पद जैसा कोई नियम नहीं है।

गहलोत का एक और मुकाबला
तिरुवनंतपुरम सांसद शशि थरूर बुधवार को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के दफ्तर पहुंचे। वह केंद्रीय चुनाव समिति से मिलने गए थे। सोनिया गांधी से मुलाकात के बीच संभावनाएं जताई जाने लगी थी कि वह भी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने खुलकर नहीं कहा है। खबरें हैं कि G-23 नेताओं में शामिल रहे थरूर को आलाकमान से 'निष्पक्ष' चुनाव का भरोसा मिला है, लेकिन गांधी परिवार को करीबी माने जाने वाले गहलोत के सामने उनकी उम्मीदवारी कमजोर हो सकती है।

दरअसल, करीब 11 राज्यों में कांग्रेस की प्रदेश समितियों ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के संबंध में प्रस्ताव पर मुहर लगाई हैं। इधर, खुद पायलट और गहलोत भी राहुल की उम्मीदवारी का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन वायनाड सांसद अध्यक्ष पद संभालने के मूड में नहीं लग रहे हैं। मौजूदा स्थिति देखें, तो कांग्रेस में गहलोत के सामने राष्ट्रीय और प्रदेश के पदों के लिए दो प्रतिद्विंदी खड़े होते दिख रहे हैं। जिसके चलते मुकाबले गहलोत बनाम थरूर और गहलोत बनाम पायलट हो सकता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *