November 24, 2024

आजम खां के विरुद्ध यतीमखाना प्रकरण के मामले में गवाहों के न आने पर न्यायालय ने वारंट जारी किए

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रामपुर
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के विरुद्ध यतीमखाना प्रकरण के मामले में बुधवार को गवाहों के न आने पर न्यायालय ने वारंट जारी किए हैं। इस मामले में अभियोजन की ओर से मुरादाबाद के सदर कोतवाली प्रभारी जसपाल सिंह ग्वाल और बरेली के नवाबगंज थाना प्रभारी राजकुमार शर्मा की गवाही चल रही है। न्यायालय ने दोनों गवाहों के जमानती वारंट जारी किए हैं। साथ ही दोनों को धारा 350 का नोटिस जारी कर न्यायालय में उपस्थित होकर गवाही के लिए न आने का कारण स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं।

यह है मामला
आजम खां के विरुद्ध यतीमखाना प्रकरण का मामला मुहल्ला सराय गेट के निकट स्थित यतीमखाना बस्ती से जुड़ा है। इस बस्ती को वर्ष 2016 में जबरन खाली कराया गया था। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। आजम खां के इशारे पर सपाइयों ने पुलिस फोर्स के साथ बस्ती को जबरन खाली करा दिया था। मुकदमे में घरों में घुसकर मारपीट करने, छेड़छाड़ करने, रुपये, जेवर और भैंस-बकरी लूटकर ले जाने के आरोप हैं। इन मुकदमों में आजम खां समेत सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल, इस्लाम ठेकेदार आदि भी नामजद हैं। मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है।

यतीमखाना प्रकरण में शहर कोतवाली में 12 लोगों द्वारा अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए थे। पहले सभी की अलग-अलग सुनवाई चल रही थी, लेकिन बाद में न्यायालय ने इन सभी को एक मान लिया। बुधवार को इस मामले की सुनवाई होनी थी। अभियोजन की ओर से गवाही कराई जा रही है।

दोनों ने की थी प्रकरण की विवेचना
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा ने बताया कि मुकदमे में दो पुलिस अधिकारियों की गवाही चल रही है। इनमें एक मुरादाबाद सदर कोतवाली में तैनात निरीक्षक जसपाल सिंह ग्वाल हैं और दूसरे बरेली के थाना नवाबगंज प्रभारी निरीक्षक राजकुमार शर्मा हैं। दोनों पहले जिले में तैनात रह चुके हैं और इन दोनों के द्वारा यतीमखाना प्रकरण में विवेचना की गई थी। इनकी गवाही चल रही है। गवाही पर न आने के कारण न्यायालय ने इनके जमानती वारंट जारी किए हैं। 20 सितंबर को अगली सुनवाई पर दोनों को हाजिर होने के आदेश दिए हैं।

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