पाकिस्तान: लोग गंदा पानी पीने को मजबूर, कैसे लड़ेंगे संक्रामक बीमारियों से जंग?
कराची
पाकिस्तान में बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई है। वहां के लोग अब जलजनित बीमारियों के प्रकोप से जूझ रहे हैं। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि यदि आवश्यक सहायता नहीं आती है तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है। त्वचा संक्रमण, दस्त और मलेरिया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फैल रहा है, जिससे अब तक 324 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
गंदा पानी पी रहे लोग
बाढ़ से विस्थापित सैकड़ों लोग खुले में रह रहे हैं। स्थिति को सामान्य होने में दो से छह महीने लग सकते हैं। बाढ़ के स्थिर पानी ने गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों को जन्म दिया है। पाकिस्तान की कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली की पहले ही पोल खुल चुकी है। विस्थापित परिवारों ने गंदा पानी पीने और इससे खाना पकाने के लिए मजबूर होने की शिकायत की है।
'जिंदा रहने के लिए पानी तो पीना ही पड़ेगा'
बाढ़ के शिकार गुलाम रसूल ने स्थानीय जियो न्यूज टीवी को बताया, 'हम जानते हैं कि यह हमें बीमार कर सकता है, लेकिन क्या करें, जिंदा रहने के लिए इसे पीना होगा।' कई जलमग्न क्षेत्रों का दौरा करने के बाद पाकिस्तान के लिए मर्सी कॉर्प्स के देश के निदेशक डॉ फराह नायरेन ने कहा, 'सहायता धीमी है।' फराह नायरेन ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, 'हमें उनकी तत्काल जरूरतों का जवाब देने के लिए समन्वित तरीके से काम करने की आवश्यकता है।' उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और पोषण विस्थापित आबादी की सबसे महत्वपूर्ण जरूरत है।
छह लोगों की हुई मौत
दक्षिणी सिंध प्रांतीय सरकार ने बुधवार को कहा कि बाढ़ वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं और मोबाइल शिविरों ने पिछले 24 घंटों में 78,000 से अधिक और एक जुलाई के बाद से दो मिलियन से अधिक रोगियों का इलाज किया था, जिनमें से छह की मौत हो गई। देश की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बुधवार को कहा कि रोगों से होने वाली मौतें 1569 लोगों में से नहीं हैं, जो 555 बच्चों और 320 महिलाओं सहित फ्लैश बाढ़ में मारे गए थे। पाकिस्तान में इस साल तीन दशक के औसत से तीन गुना अधिक बारिश हुई है।