राजस्थान-शाहपुरा के गणेश उत्सव पांडाल में अवांछित सामग्री मिलने से तनाव, संदिग्ध महिला हिरासत में
शाहपुरा.
शाहपुरा में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई, जब बुधवार सुबह गणेश उत्सव समिति के पंडाल में एक बकरे का कटा हुआ सिर और पैर मिलने की घटना ने पूरे नगर में सनसनी फैला दी। यह घटना जलझूलनी एकादशी के दौरान जहाजपुर में बेवाण पर हुए पथराव की आग शांत होने के बाद घटित हुई, जिससे समुदाय में आक्रोश और तनाव की स्थिति पैदा हो गई। हिंदू संगठनों और गणेश उत्सव समिति के पदाधिकारियों ने इस घटना को लेकर कड़ा विरोध जताया और शाहपुरा में संपूर्ण बाजार बंद का आह्वान किया।
घटना के बाद देर शाम पुलिस ने बयान जारी किया कि यह किसी जानवर की करतूत है। हालांकि स्थानीय लोग और कार्यकर्ता इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने अपने स्तर पर जांच शुरू की और एक महिला को संदिग्ध पाया, जो पंडाल के आसपास देखी गई थी। इसके बाद आक्रोशित युवाओं ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन तेज कर दिया। स्थिति को बिगड़ते देख पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच संदिग्ध महिला को हिरासत में ले लिया और महिला के घर के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। एएसपी चंचल मिश्रा ने जानकारी दी कि महिला से पूछताछ जारी है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने धरना स्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से वार्ता की और स्थिति को शांत करने की अपील की। शाहपुरा के मुख्य बाजार में सुबह से ही विरोध शुरू हो गया था। गणेश उत्सव समिति के सदस्यों और हिंदू संगठनों ने दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया, जो देर शाम तक जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए। दिनभर चले धरने और प्रदर्शन के दौरान नगर परिषद सभापति रघुनंदन सोनी, भाजपा नगर अध्यक्ष राजेंद्र बोहरा, विश्व हिंदू परिषद के विभाग प्रमुख धनराज वैष्णव, हिन्दू जागरण मंच के जिला अध्यक्ष हनुमान वैष्णव और पूर्व विधायक रामलाल गुर्जर सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन से दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की और धरना स्थल पर हनुमान चालीसा का पाठ और भजन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत और एसपी राजेश कांवट ने शहरवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की। एएसपी चंचल मिश्रा ने कहा कि संदिग्ध महिला से पूछताछ जारी है और अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की और धरना समाप्त करने की मांग की। घटना के चलते सुबह से ही शाहपुरा के बाजार बंद करवा दिए गए थे। आक्रोशित लोगों ने पांडाल के बाहर प्रदर्शन करते हुए पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। दिनभर चलने वाले इस प्रदर्शन के कारण नगर में तनावपूर्ण माहौल रहा। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए भारी सुरक्षा बल तैनात किया।
जहाजपुर में कांग्रेस पार्षदों का सामूहिक इस्तीफा —
उधर शाहपुरा जिले के जहाजपुर कस्बे में 14 सितंबर को हुई घटनाओं के बाद, जहाजपुर कांग्रेस नगर अध्यक्ष सादिक पठान और नगर पालिका के सात मुस्लिम पार्षदों ने सामूहिक रूप से अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इनका आरोप है कि 14 सितंबर को मुस्लिम समाज की दुकानों और केबिनों में तोड़फोड़, आगजनी और लूटपाट की घटनाओं के बाद प्रशासन ने एकतरफा कार्रवाई की है, जिससे मुस्लिम समाज के लोगों को न्याय नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद कांग्रेस के किसी भी पदाधिकारी ने न तो मुस्लिम समाज से संपर्क किया और न ही कोई सहायता प्रदान की जिसके कारण आहत होकर सभी ने इस्तीफा देने का फैसला किया है। इस्तीफा देने वाले पार्षदों का कहना है कि 14 सितंबर की घटना में मुस्लिम समाज की दुकानों पर हमला हुआ लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इस मामले में संतुलित और निष्पक्ष कार्रवाई करने के बजाय एकतरफा कार्रवाई की। इसके चलते मुस्लिम समाज के लोग न्याय से वंचित रह गए। स्थानीय कांग्रेस नेतृत्व से इस सामूहिक इस्तीफे पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। पार्टी के लिए यह घटना एक बड़ा झटका साबित हो सकती है, खासकर ऐसे समय में जब चुनावी समीकरणों में मुस्लिम समाज की भूमिका अहम होती है।