लगातार शिक्षको पर शराब पी कर स्कल आने के आरोप, बच्चों का भविष्य अंधकार में
छतरपुर
एक तरफ प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान अपने प्रदेश के बच्चों के लिए पढ़ने में हर तरह मदद का प्रयास करते हैं वही शिक्षा विभाग के कुछ शिक्षक अपने नशे की हालत में शिक्षा के मंदिर में पहुंचते हैं।
मामला छतरपुर जिले के बकस्वाहा विकासखंड का है जहां एक तरफ शिक्षा के मंदिर को नशा का अड्डा बनाने का आरोप लोग लगा रहे है शराब पी कर स्कूल पहुचने और उसी हालत मे शिक्षा के मंदिर में जब शिक्षक शराब पीकर जाते हैं तो वह बच्चों को क्या शिक्षा देते होंगे और छोटे छोटे बच्चो को क्या शिक्षा मिलती होगी ।
निमानी पंचायत की लोगों ने मंगलवार को तहसील पहुंचकर ज्ञापन के माध्यम से एक मॉग ये भी रखी थी कि हमारे यहां सिर्फ एक स्कूल है जहां गांव के बच्चे शिक्षा लेने के लिए पहुंचते हैं लेकिन स्कूल के बाहर ताला लगा देख बच्चे अपने घर वापस आ जाते हैं ज्ञापन मे वताया गया कि शिक्षक महीने में कभी-कभार ही स्कूल आते हैं और शराब के नशे में धुत होने के कारण बच्चों को शिक्षा प्रदान नहीं करते हैं स्कूल के परिसर में गंदगी का अंबार एवं पीने वाले पानी में बिल बिलाते कीड़े से भरा पानी पीने के बाद बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है आज जब निमानी सरपंच लक्ष्मी जगदीश यादव स्कूल पहुची तो आज भी स्कूल के प्रभारी कुल दीप स्कूल मे उपस्थित नही मिले अतिथी शिक्षको के भरोसे पूरा स्कूल था वही विकासखंड की और भी कई स्कूल है जहां शिक्षक नशे की हालत में बैठे या गांव में घूमते हुए दिखाई देते हैं बुधवार को विकासखंड शिक्षा अधिकारी बक्सवाहा कार्यालय मे मयंक शाह द्वारा एक लिखित आवेदन दिया गया जिसमें कहा गया है की गढीसेमरा पंचायत के प्राथमिक शाला रईयन में पदस्थ शिक्षक परमलाल सौर रोजाना शराब पीकर नशे की हालत में स्कूल पहुंचते हैं। बच्चों को पढ़ाने की वजाय वह गांव में घूमते हुए नजर आते हैं शिक्षक के साथ असामाजिक तत्व होने के कारण स्कूल के बच्चे डर के साए में रहते हैं।
सूत्रों की माने तो विकासखंड के और भी कई ऐसे स्कूल हैं जहां शिक्षक शराब के नशे में मनमर्जी से स्कूल आते हैं और मनमर्जी से हस्ताक्षर बनाकर घर चले जाते है। इस मामले मे जिल शिक्षा अधिकारी हरिश्चंद्र दुवे का कहना है की इन दोनो मामलो की जॉच कराई जायेगी अगर दोषी पाये जाते है तो निलंबन की कारवाई होगी।