September 25, 2024

खुदरा बाजार में सब्जियों के दाम 80-100 रुपये के बीच पहुंचे, टमाटर फिर हुआ लाल, हरा धनिया 400 रुपये किलो

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इंदौर
श्राद्ध पक्ष के साथ सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंचने लगे हैं। खेरची दुकानों पर हरा धनिया 400 रुपये किलो तक बेचा जा रहा है। उपभोक्ताओं के लिए मुश्किल सिर्फ इतनी नहीं है। अन्य हरी सब्जियां भी 80 से 100 रुपये किलो के दाम पर बिकने लगी हैं। दरअसल, थोक सब्जी मंडी में सब्जियों की आवक बहुत कमजोर हो गई है। इंदौर की थोक मंडी में सब्जियों की आपूर्ति थोड़ी बहुत निमाड़ से आ रही है। शेष सब्जियों की आपूर्ति महाराष्ट्र और गुजरात के भरोसे है। बीते दिनों की जोरदार बरसात के चलते खेतों में पानी भर गया था। इसकी वजह से सब्जियों की फसल खराब हो गई। टमाटर बीते दिनों सस्ता हुआ था। उसके बाद फिर से बरसात आने की वजह से सब्जियों की फसल खराब हो गई। इसके चलते टमाटर के दाम फिर तेज हो गए। टमाटर के दाम 800 रुपये से 900 रुपये प्रति क्रेट थोक मंडी में हो गए हैं। दो दिन पहले 1000 रुपये तक बिका था। दाम फिर तेज हो सकते हैं। – सलीम चौधरी, थोक कारोबारी

महाराष्ट्र, गुजरात से आ रहीं सब्जियां
हरा धनिया, पत्ता गोभी, करेला जैसी सब्जियां महाराष्ट्र से आ रही हैं। अन्य सब्जियों की आपूर्ति भी निमाड़ के दूर के क्षेत्रों और गुजरात से हो रही है। ऐसे में भाव काफी बढ़ गए हैं। आवक भी बहुत कमजोर है। ऐसे में सब्जियों की आपूर्ति मांग के मुकाबले काफी कमजोर होने से दामों में जोरदार तेजी है। थोक मंडी के मुकाबले खेरची बाजार में दोगुने दाम पर इन्हें उपभोक्ताओं को बेचा जा रहा है।

प्याज हो सकता है महंगा
श्राद्धपक्ष में सब्जियों की खपत चरम पर होती है। हर वर्ष इस दौर में सब्जियां आसानी से मिलती हैं और दाम सामान्य स्तर पर रहते हैं। इस साल बरसात की देरी और एक साथ बादलों के बरसने से खेतों में पानी भरा तो सब्जियां खराब हो गईं। खेरची बाजार में प्याज के दाम 50 से 80 रुपये किलो हो गए हैं। दक्षिण भारत में बरसात से प्याज की नई फसल खराब होने की खबरों से आगे दाम और बढ़ सकते हैं।
 
20 दिन बाद सुधर सकते हैं हालात
कारोबारियों के अनुसार स्थिति सुधरने और लोकल माल की आवक फिर होने में कम से कम 20 दिन का समय लगेगा। फिलहाल बाजार में धनिया, पत्तागोभी, ग्वार फली, करेला, बालोर, तुरई, मैथी महाराष्ट्र से आ रही है। करेला, सुरजना फली जैसी कुछ सब्जियां गुजरात से आ रही हैं। टमाटर आधा स्थानीय स्तर पर और आधार महाराष्ट्र से आ रहा है। इस बीच अंदेशा है कि आने वाले समय में अब प्याज भी महंगा होगा।

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