September 28, 2024

लेबनान में इजरायल हमलों से अब तक 700 से ज्यादा लोगों की मौत, 2600 घायल

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दमिश्क/ तेल अवीव

लेबनान में इजराइली हमलों में अब तक 700 से अधिक लोग मारे गए हैं और 2600 घायल हुए हैं. लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. लेबनान ने यह भी दावा किया कि इजराइल-हमास युद्ध के दौरान उसकी सीमाओं के भीतर कुल 1,540 लोग मारे गए हैं. हालांकि, इजराइल इन आरोपों को नजरअंदाज करते हुए लगातार हिजबुल्लाह की सैन्य क्षमताओं और लेबनान में मौजूद हिजबुल्लाह के वरिष्ठ कमांडरों को निशाना बना रहा है. वरिष्ठ इजराइली अधिकारियों ने धमकी दी है कि अगर हिजबुल्लाह की गोलीबारी जारी रही तो वे लेबनान में गाजा की तरह तबाही मचा देंगे.

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन ने  अनुमान लगाया कि लेबनान में 200,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. जब से हिजबुल्लाह ने हमास के समर्थन में उत्तरी इजराइल पर रॉकेट दागना शुरू किया है, तब से इजरायल भीषण जवाबी कार्रवाई कर रहा है.
 लेबनान के यूनीन क्षेत्र पर हवाई हमले में तेईस सीरियाई शरणार्थी मारे गए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे है। सीरियाई विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हवाई हमला कुछ ही घंटे पहले शुरू किया गया था जब इजरायली बलों ने लेबनान और सीरिया के बीच मटरबाह सीमा पर हमला किया था, जिसमें हिंसा से भाग रहे कई शरणार्थी घायल हो गए थे।
बयान में इज़रायल पर सुरक्षा की मांग कर रहे शरणार्थियों सहित निर्दोष नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाने का आरोप लगाया गया।
इसने अंतर्राष्ट्रीय कानून, मानवीय कानून और मानवाधिकारों के लिए इज़रायल की “घोर उपेक्षा” की निंदा करते हुए कहा कि इज़रायल की हरकतें मानव जीवन के प्रति उसकी लंबे समय से चली आ रही उदासीनता को दर्शाती हैं।
मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अंतरराष्ट्रीय कानून के बार-बार उल्लंघन के लिए इज़रायल को जवाबदेह ठहराने और क्षेत्र में हिंसा को और बढ़ने से रोकने का आग्रह किया।

 इजरायल की सेना ने सीरिया-लेबनान सीमा पर मत्राबाह क्रॉसिंग के पास एक ब्रिज को निशाना बनाकर हवाई हमला किया। इस हमले में आठ लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है।

 रिपोर्ट में कहा गया कि घायलों में चार सीमा नियंत्रण पुलिसकर्मी थे, जबकि अन्य चार कस्टम अधिकारी थे। हवाई हमले में ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया है।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को लेबनान में इजरायल की ओर से सैन्य अभियान बढ़ाए जाने के बाद से यह सीरियाई सीमा क्षेत्र पर पहला इजरायली हमला है।

मध्य सीरिया के होम्स प्रांत के अल-कुसायर क्षेत्र को लेबनान से जोड़ने वाले मत्राबाह क्रॉसिंग का उपयोग हाल ही में सीरिया में शरण लेने वाले विस्थापित लेबनानी लोगों द्वारा किया गया है।

लेबनानी सैन्य सूत्रों ने नाम न बताने की शर्त पर समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि ‘इजरायली लड़ाकू विमानों ने बेका क्षेत्र में चार सीमा चौकियों पर आठ हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें दागीं, जिससे लेबनानी पक्ष को सीरियाई पक्ष से जोड़ने वाला एक ब्रिज और कई नौकाएं नष्ट हो गईं। हालांकि, उन्होंने हताहतों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।

सूत्रों ने बताया कि लक्षित किए गए मत्राबाह क्रॉसिंग का उपयोग मुख्य रूप से सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लेबनानी और सीरियाई निवासियों द्वारा किया जाता है।

सोमवार को लेबनान में इजरायल की ओर से सैन्य अभियान बढ़ाए जाने के बाद से यह सीरियाई सीमा क्षेत्र पर पहला इजरायली हमला है।

 

बेरूत पर इजरायली हमले में मारा गया हिजबुल्लाह कमांडर

 इजरायल ने दावा किया है कि उसने बेरूत पर किए एक सटीक हमले में हिजबुल्लाह के एक शीर्ष कमांडर मुहम्मद हुसैन सरूर को मार गिराया है। सरूर, हिजबुल्लाह की वायु सेना कमान का प्रमुख था।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गुरुवार को बेरूत के दहिह में हुए हमले में दो लोग मारे गए और 15 अन्य घायल हो गए। हिजबुल्लाह की ओर से अभी तक अपने कमांडर की मौत पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आईडीएफ ने एक पोस्ट में लिखा, ”बेरूत में आईएएफ के एक सटीक हमले में हिजबुल्लाह के एरियल कमांड का कमांडर मुहम्मद हुसैन सरूर ‘मारा गया’। सरूर ने इजरायली नागरिकों को निशाना बनाकर कई हवाई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया था और उन्हें लीड भी किया था।”

पोस्ट में आगे लिखा गया, “आयरन स्वॉर्ड्स” युद्ध के दौरान, उसने यूएवी और विस्फोटक उपकरणों का उपयोग करके इजरायली नागरिकों और आईडीएफ सैनिकों के खिलाफ कई आतंकवादी हमले किए थे। हाल के वर्षों में, सरूर ने दक्षिणी लेबनान में यूएवी के निर्माण परियोजना का नेतृत्व किया और लेबनान में यूएवी निर्माण और खुफिया जानकारी एकत्र करने वाले स्थलों की स्थापना की, जो बेरूत और दक्षिणी लेबनान में नागरिक बस्ती के निकट स्थित हैं।”

आईडीएफ ने पोस्ट में आगे लिखा, “वह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल इकाई में कमांडर था। उसने राडवान फोर्स की “अजीज” इकाई को भी लीड किया था। यमन और हूती आतंकवादी शासन की एरियल कमांड में हिजबुल्लाह की ओर से बातचीत का जिम्मा भी उस पर था।”

अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को सीरिया-लेबनानी सीमा स्थित एक इमारत पर इजरायल द्वारा किए गए हमले में कम से कम 23 लोग मारे गए, जिनमें 19 सीरियाई शरणार्थी शामिल हैं। इस हमले में चार अन्य लोग घायल हो गए।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सोमवार से लेबनान पर इजरायली हमले में लगभग 700 लोग मारे गए हैं। पिछले सप्ताह पूरे देश में पेजर और वॉकी-टॉकी विस्फोट के बाद इस सप्ताह हमले किए गए हैं।

इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने युद्ध विराम की संभावना को खारिज कर दिया, जिससे लेबनान में इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लड़ाई खत्म हो सकती है, क्योंकि यूएस और फ्रांस ने कहा है कि उन्होंने 21 दिनों के लिए लड़ाई रोकने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि गाजा में लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक युद्ध का ‘लक्ष्य’ हासिल नहीं हो जाते।

प्रस्ताव के बावजूद, संकेत मिल रहे हैं कि इजरायल लेबनान पर संभावित जमीनी आक्रमण की तैयारी कर रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि 21 दिन के संघर्ष विराम प्रस्ताव को वैश्विक समर्थन मिल रहा है, जिसका उन्होंने और अन्य नेताओं ने आह्वान किया है।

गुरुवार को व्हाइट हाउस लौटने पर बाइडेन ने संवाददाताओं से कहा था, “हम यूरोप के साथ-साथ अरब देशों से भी महत्वपूर्ण समर्थन प्राप्त करने में सक्षम थे। यह महत्वपूर्ण है कि यह युद्ध व्यापक न हो।”

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, राष्ट्रपति संयुक्त राष्ट्र महासभा से लौट रहे थे, जहां उन्होंने बुधवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की और प्रस्ताव की घोषणा करने वाले संयुक्त बयान के विवरण पर चर्चा की।

इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने जारी सैन्य प्रयासों का समर्थन करने के लिए वाशिंगटन से 8.7 बिलियन डॉलर का अमेरिकी सहायता पैकेज हासिल किया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस पैकेज में आवश्यक युद्धकालीन खरीद के लिए 3.5 बिलियन डॉलर शामिल हैं, जो पहले ही हस्तांतरित किए जा चुके हैं और वायु रक्षा प्रणालियों के लिए 5.2 बिलियन डॉलर निर्धारित किए गए हैं।

इजरायल ने कहा है कि वह हिजबुल्लाह पर हमला इसलिए कर रहा है ताकि वहां के निवासी उत्तर की ओर लौट सकें।

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची ने बुधवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अवसर पर संवाददाताओं से कहा कि क्षेत्र में तनाव बढ़ता जा रहा है, ऐसे में ईरान “लेबनान में पूर्ण पैमाने पर युद्ध की स्थिति में अलग थलग नहीं रहेगा।”

उन्होंने इस बात की भी चेतावनी दी कि इजरायल के ‘अपराधों के लिए बख्शा नहीं जाएगा’। उन्होंने आगे कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इजरायल के युद्ध को रोकने और तत्काल युद्ध विराम लागू करने के लिए कार्रवाई नहीं करती है तो ‘मध्य पूर्व क्षेत्र में संघर्ष का खतरा’ बढ़ जाएगा।

 

 

 

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