सांसद अब सदन में नहीं बोल पाएंगे ऐसे शब्द, जुमलाजीवी, बाल बुद्धि, दलाल
नई दिल्ली।
लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है, जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है। मानसून सत्र से पहले सदस्यों के उपयोग के लिए जारी इस संकलन में ऐसे शब्द को शामिल किया गया है, जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा, विधानमंडलों में 2021 में असंसदीय घोषित किया गया था। साथ ही अगर कोई सदस्य पीठ पर आक्षेप करते हुए यह कहते हैं कि जब आप इस तरह से चिल्ला कर वेल में जाते थे, उस वक्त को याद करूं या आज जब आप कुर्सी पर बैठे हैं तो इस वक्त को याद करूं… तब इन्हें रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं माना जाएगा।
लोकसभा में कामकाज की प्रक्रिया एवं आचार के नियम 380 के मुताबिक, अगर अध्यक्ष को लगता है कि चर्चा के दौरान अपमानजनक या असंसदीय या अभद्र या असंवेदनशील शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, तो वे सदन की कार्यवाही से उन्हें हटाने का आदेश दे सकते हैं। वहीं, नियम 381 के अनुसार, सदन की कार्यवाही का जो हिस्सा हटाना होता है, उसे चिन्हित करने के बाद कार्यवाही में एक नोट इस तरह से डाला जाएगा कि अध्यक्ष के आदेश के मुताबिक इसे हटाया गया। अध्यक्षीय पीठ पर आक्षेप को लेकर भी कई वाक्यों को असंसदीय अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखा गया है। इसमें आप मेरा समय खराब कर रहे हैं। आप हम लोगों का गला घोंट दीजिए, चेयर को कमजोर कर दिया है आदि शब्द शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में बोले शब्द भी शामिल
असंसदीय अभिव्यक्ति के संकलन में छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही से हटाए गए कुछ शब्द या वाक्यों को भी रखा गया है। इनमें बॉब कट हेयर, गरियाना, अंट-शंट, उचक्के, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे आदि शामिल हैं। इसमें राजस्थान विधानसभा में असंसदीय घोषित कुछ शब्दों को भी रखा गया है, जिसमें कांव-कांव करना, तलवे चाटना, तड़ीपार तथा झारखंड विधानसभा में कई घाट का पानी पीना शामिल है।
बाल बुद्धि सांसद, शकुनि, और दलाल पर भी रोक
संकलन के अनुसार, असंसदीय शब्द, वाक्य या अमर्यादित अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखे गए शब्दों में जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनि, जयचंद, लॉलीपॉप, चाण्डाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिठ्ठू, कमीना, काला सत्र, दलाल, खून की खेती, छोकरा, कोयला चोर, गोरू चोर, चरस पीते हैं, सांड जैसे शब्दों को सम्मिलित किया गया है।