November 26, 2024

नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुलजी महिलाओं नौजवानों की आवाज बन गए: विभा पटेल

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राहुल गांधीजी 100 दिन का कार्यकाल ऐतिहासिक
–वे उत्पीड़न के शिकार लोगों के हक में खड़े हुए
–जाति जनगणना की मांग उठाई तो एनडीए के कई दलों ने भी किया समर्थन

भोपाल। मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती विभा पटेल ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधीजी के लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर 100 दिन पूरे होने पर हर्ष व्यक्त किया है। उन्हें बधाई भी दी है। श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधीजी का 100 दिन का कार्यकाल बहुत प्रभावशाली, ऐतिहासिक और कारगर रहा है। पिछले सत्र में राहुलजी ने जिस तरीके से आम लोगों के मुद्दों को उठाया और अपना मत सदन के सामने रखा वह बहुत प्रभावशाली था। उनके रुख से स्पष्ट है कि विपक्ष कितना प्रभावशाली हो गया है। वह सदन में विपक्ष के नेता के रूप में आम लोगों की समस्याओं को लगातार उठा रहे हैं, जो कि सराहनीय है।
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि राहुलजी देशभर के शोषितों, वंचितों, युवाओं, दलितों, पिछड़े वर्ग समेत लाड़ली बहनों, महिलाओं की आवाज हैं। राहुलजी ने मणिपुर में हिंसा से प्रभावितों की आवाज उठाने से लेकर अन्यायपूर्ण सरकारी नीतियों का विरोध करने जैसे मुद्दों को लोकसभा के भीतर और बाहर पूरी ताकत के साथ उठाया। किसानों, खिलाड़ियों, युवाओं, महिलाओं, पिछड़े वर्ग, मजदूरों, कुलियों, ट्रक ड्रायवर-क्लीनर, चर्मकार वर्ग, लोको पायलटों, सफाई कर्मियों आदि की शिकायतों को सुना और समझा है। इनके हक में न केवल वे मुखर हुए बल्कि सरकार का ध्यान भी इनकी तरफ दिलाया है।
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार की अन्यायपूर्ण नीतियों का विरोध करने के अलावा कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा के जरिये लगातार वंचितों और उत्पीड़न के शिकार लोगों के हक में खड़े हुए हैं। वे नफरत के खिलाफ देश को एकजुट करने की खातिर हजारों किलो मीटर पैदल चल चुके हैं। इस दौरान राहुल गांधी ने मोहब्बत का पैगाम दिया हैं। श्री राहुल गांधीजी ने भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का हमेशा बचाव किया।
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि श्री राहुल गांधीजी ने जाति जनगणना की मांग उठाई तो एनडीए के कई दलों को भी इस मांग के पक्ष में खड़ा होना पड़ा। स्वतंत्र मीडिया की आवाज को दबाने के उद्देश्य से लाए गए प्रसारण विधेयक के खिलाफ श्री राहुल गांधी ने आवाज बुलंद की तो इस विधेयक को रद्द कर दिया गया।
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि श्री राहुल गांधीजी ने सरकारी नौकरी में लेटरल एंट्री का विरोध किया। जिसके चलते मोदी सरकार को इस फैसले को वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा। नीट पेपर लीक होने का जोरदार विरोध करते हुए सरकारी परीक्षाओं में गड़बड़ी को चुनौती दी। वे सदैव वंचितों और उत्पीड़ितों के साथ खड़े नजर आए।

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