जवानों से अमित शाह ने कहा- सिर्फ लगता है कि आपकी ड्यूटी आसान, सीमा पर दिखती है कठिनाई
किशनगंज
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किशनगंज में एसएसबी बीओपी के उद्घाटन के दौरान कहा कि बिहार में सीमा से जुड़ी चुनौतियां हैं, लेकिन हमारे जवान मुस्तैद हैं। देश पूरी तरह से सुरक्षित है। मोदी सरकार देश की सुरक्षा को लेकर सजग है। लगातार रक्षा बजट बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर बीओपी बनाए गए। एसएसबी एक इतिहास है। देश में अटल जी की सरकार के समय पर यह अस्तित्व में आया। उन्होंने कहा कि सभी सीमा की सुरक्षा करने वालों में लगता है कि सबसे सरल ड्यूटी एसएसबी की है, क्योंकि बांग्लादेश और नेपाल से हमारे मैत्रीपूर्ण संबंध है। यहां आकर देखने पर लगता है कि सबसे कठिन ड्यूटी एसएसबी की है।
अमित शाह ने कहा कि दोनों तरफ के देशों में कुछ लोग तस्करी व अन्य घटनाओं को अंजाम देते हैं। यहां सीमा पर बांध भी नहीं है। इस कारण एसएसबी की कठिनाई बढ़ती है। साथ ही सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व के नारे के साथ एसएसबी को खुली सीमा की सुरक्षा की कमान सौंपी गई है। बिहार व झारखंड में वामपंथी उग्रवाद समाप्ति की ओर है। इससे निपटने में एसएसबी के जवानों ने अपना योगदान दिया है। इसी का सुफल है कि बिहार-झारखंड में नक्सलवाद के खिलाफ सफलता मिली है। आज सभी पहाड़ों-जंगलों में हमारा वर्चस्व है। इस काम के लिए एसएसबी के योगदान को देश याद रखेगा। खुली सीमा की सुरक्षा में तकनीक का इस्तेमाल महत्वपूर्ण होना है। सीआरपीएफ और बीएसएफ की तरह एसएसबी में भी तकनीक को बढ़ावा देना होगा।
शाह ने कहा, 'एसएसबी के जवानों को एक और बात के लिए बधाई है। 2019 में वृक्षारोपण के लक्ष्य को सबसे पहले एसएसबी ने पूरा किया। एसएसबी के जवानों ने घर-घर जाकर 10 लाख तिरंगे वितरित किए। जिसके घर जाकर तिरंगे लगाए गए, उसके साथ एसएसबी का अटूट रिश्ता बनता है। आप दो राष्ट्रों से जुड़ी सीमा की सुरक्षा को देख रहे हैं। यह एक संवेदनशील क्षेत्र है। यहां सिलीगुड़ी जैसे संवेदनशील गलियारे के साथ आपकी ड्यूटी लगी है। इसे लेकर जवानों को सजग रहना होगा। मोदी की सरकार बनने के बाद हमने सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। एसएसबी जवानों की मुस्तैदी की तारीफ की। कहा कि पूरे देश में इस सीमा के जवानों के हौसले के बारे में बताता हूं। इस सीमा पर मैं पहली बार आया हूं। जवानों की कठिनाइयां देखकर चिंता होती है। नए भवन को देखकर आश्वस्त होता हूं कि इससे जवानों को कुछ तो राहत मिलेगी।'