आदिवासी बहुल गांव में जहां सहमति नहीं वहां नहीं खुलेगी शराब दुकान
भोपाल
प्रदेश के आदिवासी बहुल गांव में शराब सहित अन्य मादक द्रव्य के सेवन पर रोक लगाने अधिकार ग्रामसभा को दिया जाएगा। इसका उल्लंघन करने पर एक हजार रुपए तक जुर्माना भी लगाया जा सकेगा। राज्य सरकार इस संबंध में प्रावधान करने जा रही है।
ये मिले अधिकार
ग्राम सभा को ग्रामीण अंचल में शराब सहित अन्य मादक द्रव्य के सार्वजनिक स्थल पर सेवन को प्रतिबंधित करने का अधिकार होगा। इसका उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति पर एक हजार रुपए तक अर्थदंड लगा सकेगी। गांव में देशी-विदेशी शराब की नई दुकान खोलने के लिए प्रस्ताव मिलने पर ग्राम सभा इसके लिए 45 दिन में अनुमति दे सकेगी। यदि ग्राम सभा सर्वसम्मति से इस संबंध में निर्णय नहीं लेती है तो वहां माना जाएगा कि ग्राम सभा की सहमति नहीं है और नई दुकान नहीं खोली जा सकेगी।
ग्राम सभा गांव के अंदर संचालित शराब, भांग दुकान के स्थल परिवर्तन की अनुशंसा कर सकेगी जिस पर राज्य शासन कार्यवाही करेगा। किसी त्यौहार के मौक्े पर उस दिन की संपूर्ण अथवा आंशिक अवधि के लिए संचािलत शराब, भांग दुकान बंद करने की अनुशंसा कलेक्टर को कर सकेंगी। कलेक्टर स्वविवेक से घोषित चार शुष्क दिवस के अंतर्गत दुकान को इस क्षेत्र के लिए बंद कर सकेगा। ग्राम सभा किसी सार्वजनिक स्थल, परिसर में शराब, भांग के उपयोग पर रोक लगा सकेगी। मादक द्रव्य की व्यक्तिगत आधिपत्य की सीमा भी कम कर सकेगी।