35 साल पुरानी बिजली लाइनों का फाल्ट तलाशेंगे ड्रोन
भोपाल
प्रदेश में 132 केवी, 220 केवी और 400 केवी की विद्युत लाइनों में जंग लगने और मिसिंग टावर पार्ट्स की बदौलत होने वाले फाल्ट की तलाश और उस पर त्वरित एक्शन के लिए पावर ट्रांसमिशन कम्पनी ड्रोन तकनीक का सहारा लेगी। यह व्यवस्था 35 साल पुरानी विद्युत लाइनों में आने वाले फाल्ट पर त्वरित एक्शन के जरिये विद्युत सप्लाई निर्बाध बनाए रखने के लिए शुरू की जा रही है।
पावर ट्रांसमिशन कम्पनी के अफसरों के अनुसार ड्रोन से पेट्रोलिंग कराने से दुर्गम भौगोलिक स्थिति में स्थापित टावरों की टॉप पेट्रोलिंग संभव हो सकेगी। साथ ही किसी लाइन के फाल्ट होने पर ड्रोन से प्राप्त टावरों और लाइन की फोटो और वीडियोग्राफी की तुरंत जांच कर फाल्ट दुरुस्त किया जा सकेगा जिससे ब्रेकडाउन समय में कमी आएगी। इसके अलावा प्रिवेन्टिव मेंनटेनेंस में भी समय पर छोटे से छोटे फाल्ट की भी मॉनीटरिंग कर आवश्यक सुधार किए जा सकेंगे। मध्यप्रदेश प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी प्रदेश में स्थापित 9572 सर्किट किलोमीटर लंबी अति उच्च दाब लाइनों के 79915 अति उच्च दाब टावरों के सहारे विद्युत सप्लाई करती है।
पहाड़ों, नदियों, तालाबों सहित अनेक दुर्गम भौगोलिक इलाकों से गुजरने वाली इन लाइनों के समय पर उचित रखरखाव के लिए एडवांस और प्रभावी तकनीक के लिए इस व्यवस्था पर काम शुरू किया जा रहा है जिसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सफल पाने के बाद इसके चरणबद्ध विस्तार की तैयारी की जा रही है। प्रदेश की 35 वर्ष से पुरानी लगभग 100 लाइनों की मानिटरिंग के लिए मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी पहली बार ड्रोन पेट्रोलिंग का उपयोग कर रही है।