November 24, 2024

कांग्रेस की ‘आपदा’ में BJP को दिख रहा ‘अवसर’?

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नई दिल्ली
 
राजस्थान में सत्ताधारी दल कांग्रेस के भीतर उपजी आपदा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अपने लिए अवसर नजर आने लगा है। अशोक गहलोत मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बरकरार रहेंगे या सचिन पायलट उनकी जगह लेंगे, इसको लेकर अनिश्चितता से उत्पन्न हालात पर भाजपा नजर बनाए हुए है। गहलोत की जगह पायलट को दिए जाने की अटकलों को लेकर कांग्रेस सरकार की स्थिरता पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने सोमवार को बताया कि पार्टी इस घटनाक्रम में शामिल नहीं होने जा रही है या कांग्रेस में टूट की स्थिति में सरकार बनाने की कोशिश नहीं करेगी।

एक पार्टी पदाधिकारी ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, ''2023 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी तैयार है, लेकिन यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो हम जल्दी चुनाव के लिए भी तैयार हैं। पार्टी हमेसा चुनाव के लिए तैयार रहती है। हम बूथ स्तर पर पार्टी की मौजदूगी को मजबूत करने पर फोकस कर रहे हैं और जो भी परिस्थिति बनती है उसके मुताबिक फैसला करेंगे।''  

2020 में जब गहलोत के खिलाफ पायलट की अगुआई में विधायकों के एक समूह ने बागवत की थी तो इसके लिए भाजपा पर आरोप लगाए गए। हालांकि इस गुट का दावा था कि वह शासन के मुद्दे पर सरकार का ध्यान खींचना चाहते थे, गहलोत ने आरोप लगाया कि पायलट समेत 19 विधायक बीजेपी में जाने की धमकी दे रहे थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी इस गुट के संपर्क में थी। हालांकि बीजेपी और पायलट कैंप ने इसका खंडन किया था। बाद में पायलट और उनके विधायकों वापस लौट आए थे।
 
विधानसभा नजदीक बेहद नजदीक है और ऐसे में बीजेपी कांग्रस में फूट के लिए खुद पर आरोप नहीं लगने देना चाहती। ऊपर जिक्र किए गए नेता ने कहा कि पार्टी गहलोत के शासन में खामियों को चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है। उन्होंने कहा, ''हमें चुनाव में जीत का पूरा भरोसा है क्योंकि दलितों के खिलाफ अत्याचार, भ्रष्टाचार, महिलाओं के खिलाफ अपराध और नफरती वारदातों में बहुत इजाफा हुआ है। राजस्थान के लोग भाजपा को सत्ता में वापस लाने के लिए तैयार हैं।'' वह यह भी ध्यान दिलाते हैं कि पिछले तीन दशक में राज्य के मतदाताओं ने किसी सरकार को रिपीट नहीं किया है।

स्थिति और बिगड़ने पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की अटकलों पर पदाधिकारी ने कहा कि इस पर कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगा। बीजेपी ने पहले ही चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। कई राष्ट्रीय नेताओं ने दौरे शुरू कर दिए हैं और काडर में जोश भरने का काम किया जा रहा है। 2018 में भाजपा ने 200 सीटों वाली विधानसभा में 73 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस 100 सीटों पर विजयी हुई थी।  

 

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