पूर्व कप्तान कपिल देव बोले- इस तरह रुक सकती है ‘स्पिरिट ऑफ क्रिकेट’ पर बहस
नई दिल्ली
लॉर्ड्स में भारत और इंग्लैंड की महिला क्रिकेट टीम के बीच खेले गए तीसरे एकदिवसीय मैच के दौरान इंग्लैंड की बल्लेबाज चार्ली डीन के रन आउट होने के बाद भारत की ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा के रन आउट करने को लेकर 'स्पिरिट ऑफ क्रिकेट' चर्चा का विषय बना हुआ है। इस डिसमिसल ने इंग्लैंड के खिलाफ भारत की ऐतिहासिक वनडे सीरीज क्लीन स्वीप और महान क्रिकेटर झूलन गोस्वामी के रिटायरमेंट से पूरी तरह से ध्यान हटा दिया, क्योंकि इंग्लैंड के कई दिग्गजों और खेल विशेषज्ञों ने दीप्ति शर्मा के इस कृत्य पर सवाल उठाया और इसे 'स्पिरिट ऑफ क्रिकेट' के खिलाफ बताया। इसी को लेकर अब भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव का भी बयान सामने आया है, जहां उन्होंने एक अलग ही सुझाव इस स्थिति को लेकर दिया है।
यह मैच का आखिरी विकेट था जो इंग्लैंड के लक्ष्य का पीछा करने के 44वें ओवर में हुआ था, जब दीप्ति ने डीन को नॉन-स्ट्राइकर छोर पर बहुत दूर तक बैक अप करते हुए देखा था। दीप्ति ने नियमों के तहत उस डिसमिसल को किया, जिसे कुछ दिन पहले ही अनुचित खेल खंड यानी अनफेयर प्ले सेक्शन से हटाकर नॉन-स्ट्राइकर के एंड पर रन आउट से संबंधित कानून में जोड़ा था। मेरिलबोन क्रिकेट क्लब यानी एमसीसी ने भी चार्ली डीन के रन आउट होने को सही बताया है, लेकिन इंग्लैंड के क्रिकेटर सैम बिलिंग्स, जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे क्रिकेटरों ने इस स्पिरिट ऑफ क्रिकेट के खिलाफ बताया है।
वहीं, कपिल देव, जिन्होंने 1992 में दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज पीटर कर्स्टन को इसी तरह से आउट किया था, उन्होंने एक समाधान पेश किया। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर इंस्टा स्टोरी में लिखा, "ऐसी स्थिति में मुझे लगता है कि हर बार तीखी बहस के बजाय एक सरल नियम होना चाहिए। बल्लेबाजों को उनके रन से वंचित करना। इसे शॉर्ट रन माना जाना चाहिए। यह मेरे दिमाग में एक बेहतर समाधान है।"