September 23, 2024

कौन हैं डॉ. सौम्या गुर्जर जो जयपुर नगर निगम के मेयर की कुर्सी गंवाने वाली

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उदयपुर
राजस्थान के उथल- पुथल के बीच एक धमाकेदार जानकारी आ रही है कि जयपुर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर को सरकार ने पद से बर्खास्त कर दिया है। न्यायिक जांच रिपोर्ट आने के बाद इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। सर्वोच्च न्यायालय में 23 सितंबर को गुर्जर से जुड़े मामले की सुनवाई हुई थी। न्यायालय ने दो दिन बाद कार्रवाई करने का समय दिया था। जयपुर में नगर निगम ग्रेटर की भाजपा मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर को राजस्थान सरकार ने मंगलवार को बर्खास्त कर दिया। जानकारी हो कि गुर्जर भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुई थी। वह देश की ऐसी पहली मेयर हैं, जिन्हें बर्खास्त ही नहीं किया गया, बल्कि छह साल के लिए चुनाव के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। आखिर जानिए सौम्या गुर्जर कौन है और उनका राजनीति सफर कैसा रहा।

जयपुर की पहली मेयर का राजनीति सफर
राजस्थान के करौली जिला मूल डॉ. सौम्या गुर्जर को पहली बार गठित नगर निगम ग्रेटर जयपुर की पहली मेयर बनने का सौभाग्य मिला। आठ जनवरी 1984 को जन्‍मी सौम्‍या गुर्जर राजनीति की मंझी हुई खिलाड़ी नहीं रही, बल्कि योग और एथेलेटिक्‍स में भी उनकी अच्‍छी पकड़ रही है। राजस्थान के दस्यु क्षेत्र कहे जाने वाले डांग इलाके से निकली सौम्या ने डांग इलाके में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम किया और अपनी पहचान प्रदेश स्तर पर बनाई। राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से दर्शनशास्त्र में पीएचडी करने के बाद सौम्या गुर्जर ने राजधानी की राजनीति में कदम रखा। इससे पहले वह करौली जिला परिषद की सदस्य रह चुकी थी और राज्य महिला आयोग में भी सदस्य रही।

जयपुर नगर निगम ग्रेटर के वार्ड वार्ड 87 से भाजपा से चुनाव लड़ा और मेयर बनीं। उन्होंने कांग्रेस की दिग्गज प्रत्‍याशी दिव्‍या सिंह को 44 वोटों से हराया था। हालांकि राजनीति में उतारने में उनके पति की अहम भूमिका बताई जाती है। राजाराम गुर्जर उनके पति हैं, जो करौली नगर परिषद के सभापति रह चुके हैं।

पहले निलंबित हुई थी और अदालत के आदेश पर बहाली
पिछले साल जयपुर ग्रेटर नगर निगम मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर और तत्कालीन कमिश्नर यज्ञमित्र देवसिंह के भी बीच कचरा उठाने वाली कंपनी बीवीजी को लेकर विवाद हुआ था। मेयर सौम्या गुर्जर व पार्षदों पर कमिश्नर यज्ञमित्र सिंह ने निगम की बैठक में अपशब्द कहने और धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया था जिसकी न्यायिक जांच हुई और राजस्थान सरकार ने 6 जून 2021 को मेयर सौम्या गुर्जर, वार्ड 39 पार्षद अजय सिंह चौहान, वार्ड 72 पार्षद पारस जैन और वार्ड 103 पार्षद शंकर शर्मा को निलंबित कर दिया था। राजस्थान के इतिहास में यह पहला अवसर था जब किसी मेयर को निलंबित किया गया। उनकी बर्खास्तगी के साथ यह पहला अवसर बना, जब किसी मेयर को प्रदेश में इस तरह हटाया गया।

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