November 24, 2024

कर्नाटक में एक बड़ा विवाद शुरू, सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को 4 फीसदी से ज्यादा आरक्षण?, नहीं कोई प्रस्ताव, मचा बबाल

0

बेंगलुरु
कर्नाटक में एक बड़ा विवाद शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत उस रिपोर्ट के बाद हुई जिसमें कहा गया कि सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को 4 फीसदी से ज्यादा आरक्षण दिया जा रहा है। हालांकि कुछ घंटों के बाद सरकार की तरफ से बयान आया है, जिसमें कहा गया कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है। मुख्यमंत्री ऑफिस की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि यह सच है कि मुस्लिमों को सरकारी ठेकों में आरक्षण देने की मांग आई जरूर है। हालांकि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है।

इससे पहला बताया गया था कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसमें मुसलमानों को सरकारी ठेकों में आरक्षण देने पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक सिद्दारमैया सरकार विंटर सेशन में इस बारे में बिल भी लाने की तैयारी में है। सूत्रों ने पहले दावा किया था कि एससी और एसटी समुदायों को दिए गए आरक्षण की तर्ज पर निर्माण (सिविल) के लिए पब्लिक कांट्रैक्ट्स में एक करोड़ रुपए तक के निर्माण कार्य में आरक्षण देने का प्रस्ताव है।

राज्य सरकार ने पहले ही सरकारी अनुबंधों में एससी/एसटी और कुछ पिछड़े वर्गों को 24 प्रतिशत कोटा प्रदान किया है। वर्तमान में, राज्य में सरकारी ठेकों में 43 प्रतिशत आरक्षण है, इसमें श्रेणी -1 में ओबीसी (4 प्रतिशत) और श्रेणी-2 ए में (15 प्रतिशत)। यदि उक्त प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जाती है, तो आरक्षण में मुस्लिम भी शामिल होंगे और आरक्षण की सीमा 47 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।

ताजा प्रस्ताव के तहत कैटेगरी 2बी के तहत आने वाले मुस्लिमों को कॉन्ट्रैक्ट में 4 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। सूत्रों ने कहाकि सिर्फ मुस्लिम ही नहीं, अन्य पिछड़ा वर्ग को भी आरक्षण दिया जाएगा। कर्नाटक सरकार को सरकारी अनुबंधों में कुल मिलाकर 47 प्रतिशत आरक्षण होने की संभावना है, जबकि सीमा को बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये करने की संभावना है।

भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस प्रस्ताव को लेकर सिद्धारमैया सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि धर्म आधारित आरक्षण संविधान की घोर अवमानना है। एक्स पर लिखी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि कर्नाटक में सिद्धारमैया प्रशासन निर्माण (सिविल) कार्यों के लिए सार्वजनिक अनुबंधों में मुसलमानों को आरक्षण प्रदान करने के प्रस्ताव का मूल्यांकन कर रहा है। अगर कर्नाटक में मुसलमानों को यह कोटा दिया जाएगा तो किसका हिस्सा कटेगा- एससी, एसटी या ओबीसी?

अमित मालवीय ने आगे लिखा कि तेलंगाना में भी, मुसलमानों को 4 फीसदी आरक्षण दिया गया है, जो सामाजिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए निर्धारित हिस्से को खा रहा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली एमवीए ने अखिल भारतीय उलेमा बोर्ड की जिन्ना जैसी मांग को स्वीकार कर लिया है। यह सब कांग्रेस के लिए मुस्लिम वोटों के बारे में है, जो संविधान की घोर अवमानना है, जो किसी भी धर्म-आधारित आरक्षण को रोकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *