November 15, 2024

हरियाणा : दो हिस्से में बंटा SC कोटा, किस आधार पर अब आरक्षण पा सकेंगे दलित

0

चंडीगढ़
 हरियाणा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC-ST) के 20% आरक्षण के कोटे में कोटा लागू हो गया है। अब सरकारी नौकरियों में 10% कोटा वंचित अनुसूचित जातियों के लिए और 10% कोटा अन्य अनुसूचित जातियों के लिए होगा। बुधवार को विधानसभा में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एससी-एसटी आरक्षण के उपवर्गीकरण की घोषणा की। इसके कुछ देर बाद ही मुख्य सचिव ने आदेश भी जारी कर दिया।

अन्य अनुसूचित जाति श्रेणी में 15 और वंचित अनुसूचित जाति श्रेणी में 66 जातियां हैं। राज्य सरकार के इस फैसले का सबसे अधिक लाभ वंचित अनुसूचित जाति कैटिगरी में शामिल 66 जातियों के लोगों को मिलेगा। सरकार का दावा है कि इनके लिए नौकरियों के अवसर लगातार कम होते जा रहे थे। हरियाणा देश में ऐसा पहला राज्य है, जिसने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को अपने यहां सबसे पहले लागू किया है।

कैबिनेट मीटिंग में लगी थी मुहर
बता दें कि 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि सामाजिक विविधता को देखते हुए राज्यों के पास SC श्रेणी के भीतर उप-वर्गीकरण बनाने का संवैधानिक अधिकार है। 18 अक्टूबर को हुई कैबिनेट की बैठक में पहले ही SC-ST वर्ग के ज्यादा जरूरतमंदों को आरक्षण का लाभ देने के लिए उपवर्गीकरण पर मुहर लगा दी गई थी। कोटे में कोटा लागू होने से आरक्षण का लाभ उसी वर्ग के ज्यादा जरूरतमंद लोगों को मिल सकेगा।

क्या चुनाव में पड़ेगा असर2020 में, हरियाणा सरकार ने हरियाणा अनुसूचित जाति (शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम भी पेश किया था, जिसने उच्च शिक्षा संस्थानों में डीएससी श्रेणी के लिए 50 प्रतिशत एससी सीटें आरक्षित की थीं। बता दें कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 में से आठ सीटें जीतीं, जबकि 2019 में 17 में से पांच सीटें जीती थीं। यह फैसला आगे असर डाल सकता है, क्योंकि इससे दलित वोटों का बंटवारा हो सकता है।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि वंचित अनुसूचित जातियों (DSC) के लिए तय कोटे की सीटें खाली रह जाती हैं तो फिर उसे अन्य अनुसूचित जातियों यानी OSC से भरा जाएगा। इसी तरह यदि अन्य अनुसूचित जातियों के लिए तय कोटे की सीटें नहीं भर पाती हैं तो उन्हें वंचित जातियों के कैंडिडेट्स के लिए आवंटित कर दिया जाएगा। आदेश में एक जानकारी यह भी दी गई है कि सीटें बराबर दी जाएंगी, लेकिन यदि पदों की संख्या विषम है, जैसे 9 सीटें ही हैं तो 5 वंचित अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित होंगी और 4 सीटें अन्य अनुसूचित जातियों के लिए होंगी।

वहीं उसी विभाग में दूसरी बार ऐसा होने पर इसके उलट किया जाएगा। 5 सीटें अन्य अनुसूचित जातियों को दी जाएंगी और 4 सीटें वंचित जातियों को मिलेंगी। सरकारी आदेश में कहा गया है कि यह अधिसूचना जारी होने के बाद पहली खाली पोस्ट में वंचित अनुसूचित जातियों को प्राथमिकता दी जाएगी। आरक्षण का यह तरीका प्रदेश सरकार की नौकरियों, स्थानीय निकायों एवं शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कोटे में वर्गीकरण करने वाला हरियाणा पहला राज्य है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *