मुख्यमंत्री चौहान ने शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह की जयंती पर किया नमन
भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह की जयंती पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने निवास कार्यालय स्थित सभागार में उनके चित्र पर माल्यार्पण किया। अमर शहीद भगत सिंह को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रभावशाली क्रांतिकारियों में से एक माना जाता है। अमर शहीद भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को अविभाजित भारत के लायलपुर ज़िले के ग्राम बंगा में हुआ था।
अमर शहीद सरदार भगत सिंह का परिवार ग़दर पार्टी का समर्थक था। छोटी उम्र में ही भगत सिंह, असहयोग आन्दोलन से जुड़ गए और बहुत ही बहादुरी से उन्होंने ब्रिटिश सेना को ललकारा। जलियाँवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह के मन पर गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद के साथ मिल कर क्रांतिकारी संगठन तैयार किया। लाहौर षड़यंत्र मामले में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फांसी की सज़ा सुनाई गई और बटुकेश्वर दत्त को आजीवन कारावास दिया गया। भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 की शाम सात बजे सुखदेव और राजगुरू के साथ फांसी दी गई। तीनों ने हँसते-हँसते देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। अमर शहीद भगत सिंह एक अच्छे वक्ता, पाठक और लेखक भी थे। उन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिखा और संपादन भी किया।