BJP को हराने के लिए अखिलेश निभाना चाहते हैं विपक्ष में अहम भूमिका, बोले- PM पद की रेस मैं नहीं
लखनऊ
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यादव विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास कर रहे है। तो वहीं, इसी बीच यूपी से अब अखिलेश यादव का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए उछाला जाने लगा है। हालांकि, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इशारों-इशारों में कहा, 'वो प्रधानमंत्री की रेस में शामिल नहीं हैं। लेकिन वो बीजेपी को हराने के लिए विपक्ष में अहम भूमिका निभाना चाहते हैं।'
दरअसल, समाजवादी पार्टी के दो दिन के सम्मेलन की शुरुआत में ही पार्टी के वरिष्ठ नेता रविदास मेहरोत्रा ने कहा, 'देश में गैर भाजपा सरकार बने और अखिलेश प्रधानमंत्री पद पर आएं। तो वहीं, अखिलेश यादव ने उनकी बातों के संदर्भ में कहा, 'मैं अपने प्रतिनिधियों के सामने कहना चाहता हूं, ये लड़ाई बड़ी है। हमारा कोई ऐसा सपना नहीं है, कि उस स्थान (पीएम पद) पर पहुंचे। लेकिन समाजवादियों का सपना ये जरूर है कि समाज को बांटने वाली ताकतें हैं, उन्हें बाहर निकालने का काम हम सब लोग मिलकर करें।'
सम्मेलन में बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा, भले ही विधानसभा चुनाव में सपा को हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इन नतीजों से यह बात साफ हो गई है कि यूपी में सिर्फ और सिर्फ सपा ही ऐसी है जो बीजेपी को हरा सकती है। इस दौरान अखिलेश ने अपनी हार का ठिकरा भी सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के ऊपर फोड़ा। अखिलेश ने कहा कि सत्ता में जो लोग हैं, उन्होंने हर चाल का इस्तेमाल किया, आधिकारिक मशीनरी का दुरुपयोग किया और हम विफल हो गए।
बीएसपी के साथ गठबंधन पर बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन के बाद चुनाव में नतीजे अनुकूल नहीं रहे हैं। लेकिन, यह बात साबित हो गई है कि उत्तर प्रदेश में केवल हमारी पार्टी (सपा) ही भाजपा को हरा सकती है। हालांकि, समाजवादी सम्मेलन में उन्होंने 2024 के मिशन के लिए पिछड़ों के साथ-साथ दलित वोट बैंक को साधने का संदेश दे दिया है।