कीटों की रोकथाम के लिए सबको सावधानी रखना जरूरी : डॉ. सिंह
भोपाल
बेहतर उत्पादन और किसानों को लाभान्वित करने के लिए जरूरी है कि कीटों से फसलों की सुरक्षा बेहतर तरीके से की जाए। फसलों को कीटों से बचाने की जिम्मेदारी कृषि वैज्ञानिकों से लेकर कृषक तक की है। उन्होंने कहा कि फसलों को कीटों से बचाव कर हम बेहतर उत्पादन और बेहतर इनकम प्राप्त कर सकते हैं। यह बात आज अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में “प्लांट प्रोटेक्शन पेस्ट फ्री एरिया” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्लांट प्रोटेक्शन एडवाइजर फरीदाबाद डॉ. जे.पी. सिंह ने कही। मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड की प्रबंध संचालक श्रीमती जी.व्ही. रश्मि ने कहा कि राज्य सरकार "कृषि और कृषक सबसे पहले" की नीति पर कार्य कर किसानों को लाभान्वित कर रही है।
एमडी मंडी बोर्ड श्रीमती रश्मि ने कहा कि राज्य शासन द्वारा गेहूँ निर्यात को प्राथमिकता दी गई है। प्रदेश गेहूँ निर्यात के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश में सकल निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश स्टेट कॉउंसिल का भी गठन किया गया है। "कृषि और कृषक सबसे पहले" की नीति पर प्रदेश में फार्म गेट एप्प प्रारंभ कर किसानों को उनके खेत एवं खलिहान से ही उपज के विक्रय का अधिकार एवं साधन उपलब्ध कराये गये हैं। इससे उपज के रख-रखाव और परिवहन में होने वाले समय की बचत की जा सकेगी।
कार्यशाला करनाल बंट की रोकथाम पर केंद्रित रही। वैज्ञानिकों द्वारा गेहूँ की फसल में लगने वाले कीट करनाल बंट से बचाव के उपाय बताए गए। वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च के आधार पर करनाल बंट बीमारी की रोकथाम मध्यप्रदेश में किस तरह की जा सकती है, की जानकारी दी।
कार्यशाला में जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश में करनाल बंट बीमारी का कोई भी प्रकरण अभी तक नहीं आया है। विदेशों में मध्यप्रदेश में उत्पादित गेहूँ की अत्याधिक मांग है। करनाल बंट फ्री सर्टिफिकेशन राज्य सरकार द्वारा प्रमाणिकता के आधार पर जारी किया जावेगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश की मिट्टी तथा जलवायु करनाल बंट के वायरस को पनपने नहीं देती है।
एचओडी प्लांट पैथोलॉजी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी जबलपुर श्री जयंत भट्ट, आईआईडब्ल्यूबीआर प्रिंसिपल साइंटिस्ट करनाल श्री सुधीर कुमार, ज्वाइंट डायरेक्टर प्लांट प्रोटेक्शन फरीदाबाद श्री ओ.पी.वर्मा सहित वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कृषि अधिकारी मौजूद रहे। कृषि विपणन बोर्ड के अपर संचालक (निर्यात) श्री डी.के. नागेंद्र ने आभार माना।