September 23, 2024

केन्द्रीय कारागारों में गौ-शाला संचालन श्रेष्ठ : स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी

0

भोपाल

प्रदेश की केन्द्रीय कारागारों में संचालित गौ-शालाएँ काफी अच्छी अवस्था में है। इन गौ-शालाएँ की व्यवस्थाएँ प्रशंस‍नीय इसलिए भी है कि यहाँ मेनपावर (श्रम) के साथ आवश्यक राशि की उपलब्धता रहती है। यह बात मध्यप्रदेश गौ-संवर्द्धन बोर्ड कार्य-परिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने सेवा पखवाड़ा में भोपाल की केन्द्रीय जेल में हुए कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वे गौ-शालाएँ, जिनका संचालन धर्माचार्य साधु-संतों के मार्ग-दर्शन और गौ-भक्तों के आर्थिक सहयोग से हो रहा है, काफी अच्छी स्थिति में है। भोपाल जेल की गौ-शाला में 411 गौवंश हैं। इसमें 60 गाय से अच्छी मात्रा में दुग्ध उत्पादन मिल रहा है।

कैदियों को गौ आधारित लघु उद्योग का प्रशिक्षण दें

महामण्डेलश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने गौ संगोष्ठी में भारतीय गौ-वंश का महत्व, गौसेवा से इहलोक-परलोक की प्राप्ति, सनातन धर्म में आदिकाल से गौसेवा के लाभ आदि की जानकारी दी। उन्होंने जेल प्रशासन से कहा कि गायों से प्राप्त गोबर, गौमूत्र, दूध, दही, मठ्ठा, घी से पंचगव्य औषधियाँ तैयार की जा सकती है। बंदियों को गौ आधारित लघु उद्योग का प्रशिक्षण दें। उन्होंने आग्रह किया कि जेल परिसर की गौ-शाला में बंदियों के लिए एक अनुसंधान शाला और गौ उत्पादों की प्रयोग शाला बनाएँ। गौ आधारित उत्पादों का प्रशिक्षण प्राप्त बंदी मुक्त होने के बाद उद्यमी बन कर आत्म-निर्भर हो सकते हैं। गौ-संवर्द्धन बोर्ड, बंदियों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहेगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *