‘कांग्रेस RSS को गालियां देकर अपने पाप नहीं धो सकती’, बैन लगाने की बात पर संघ के नेता ने दिया जवाब
नई दिल्ली
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता इंद्रेश कुमार ने कांग्रेस नेता द्वारा आरएसएस की तुलना प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ करने पर प्रतिक्रिया दी है। आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कांग्रेस नेता के बयान की आलोचना की है और कहा है कि उनके संघ को बैन करने की मांग से उनके पाप कम नहीं होने वाले हैं। केरल कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने केंद्र द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने कहा था, "हम आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं। पीएफआई पर प्रतिबंध कोई उपाय नहीं है क्योंकि आरएसएस पूरे देश में हिंदू सांप्रदायिकता फैला रहा है।"
कांग्रेस नेता के इस मांग के जवाब में आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा, ''आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने और इसे पीएफआई से जोड़ने की मांग पूरी तरह से असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक और अमानवीय है और देश के सम्मान के खिलाफ भी है।"
नेता इंद्रेश कुमार ने कहा, ''जब भी किसी ने आरएसएस पर उंगली उठाई है, तो वह बेकार चला गया है। वाम और कांग्रेस की धुनें देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार हैं। कांग्रेस कभी भी आरएसएस पर गालियां देकर अपने इस पाप को नहीं धो सकती है।उनका पाप हमेशा उनके साथ रहेगा।" अतीत में जब तत्कालीन कांग्रेस सरकारों द्वारा आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था तो इसपर इंद्रेश कुमार ने कहा कि पार्टी को हर बार हार का सामना करना पड़ा और उसके बाद संगठन "लोकतंत्र के रक्षक" के रूप में उभरा है।
इंद्रेश कुमार ने कहा, ''कांग्रेस ने 1948 में महात्मा गांधी की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाते हुए आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन वे कुछ भी साबित नहीं कर सके। उन्हें अंतत प्रतिबंध हटाना पड़ा। इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था और आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन उन्हें हटाना पड़ा प्रतिबंध, जिसके साथ उनकी तानाशाही भी समाप्त हो गई। आरएसएस लोकतंत्र के रक्षक के रूप में उभरा है। राम मंदिर जन्मभूमि पर अवैध ढांचे को ध्वस्त करने के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा''