मेघालय के राज्यपाल सत्य पाल मलिक को सेवा विस्तार नहीं, 4 तारीख को खत्म हो रहा कार्यकाल
नई दिल्ली
मेघालय के राज्यपाल सत्य पाल मलिक लगातार मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करते रहते हैं। राज्यपाल के तौर पर उनका कार्यकाल 4 अक्टूबर को खत्म हो रहा। पहले से आशंका जताई जा रही थी कि केंद्र सरकार उनका सेवा विस्तार नहीं करेगी। जिस पर अब मुहर लग गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया, जिसके तहत अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर (डॉ.) बी.डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त) को मेघालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी सरकारी आदेश के मुताबिक राष्ट्रपति मुर्मू ने अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा (रि.) को मेघालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी है। साथ ही आशा व्यक्त की कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन अच्छी तरह करेंगे। ये फैसला नए राज्यपाल की नियुक्त या फिर अगले आदेश तक जारी रहेगा।
2017 से राज्यपाल हैं मलिक
आपको बता दें कि केंद्र ने सत्य पाल मलिक को सितंबर 2017 में बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया था। इसके बाद अगस्त 2018 को उन्हें जम्मू-कश्मीर भेजा गया। अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया और उसे केंद्र शासित प्रदेश में बदला। 2020 में मलिक मेघालय भेज दिए गए।
कृषि कानूनों का खुलकर किया विरोध
सत्य पाल मलिक अपने बयान की वजह से हमेशा विवादों में रहे। जब वो जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, तब उन्होंने सत्तारूढ़ दल के नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। इसके बाद जब मोदी सरकार तीन नए कृषि कानून लेकर आई, तो दिल्ली बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा हो गए थे। मलिक ने लगातार उनका समर्थन किया और केंद्र के खिलाफ बयानबाजी करते रहे। वैसे कयास लगाए जा रहे थे कि राज्यपाल के पद से रिटायर होने के बाद वो किसी राजनीतिक दल में शामिल हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने इन खबरों को खारिज कर दिया था। मलिक के मुताबिक वो रिटायरमेंट के बाद किसानों के लिए काम करेंगे।