UP सरकार ने बिकरू कांड में निलंबित किए गए अनंतदेव समेत दो IPS को किया बहाल
लखनऊ
उत्तर प्रदेश सरकार ने लंबे समय से निलंबित दो आईपीएस अधिकारियों को रविवार को बहाल कर दिया। इनमें कानपुर में बिकरू कांड के बाद निलंबित किए गए डीआईजी अनंत देव तिवारी और गाजियाबाद के एसएसपी पद से निलंबित किए गए पवन कुमार शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच जारी रहेगी। इसके अलावा भी अभी यूपी में तीन आईपीएस निलंबित चल रहे हैं जिनको अपनी बहाली का इंतजार है। दरअसल अनंत देव लंबे समय तक कानपुर नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रहे। डीआईजी बनने के बाद उन्हें कानपुर नगर से हटाकर स्पेशल टास्क फोर्स में तैनात कर दिया गया लेकिन अनंत देव के जाने के कुछ दिनों बाद ही विकास दुबे और उनके गुर्गों ने कानपुर नगर के चौबेपुर थाना अंतर्गत बिकरू गांव में छापेमारी करने गए पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया था। इस हमले में आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी।
पहले सांप तो फिर दूसरी बार इस वजह से भी रुका भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका का मैच इस घटना के बाद अनंत देव पर आरोप लगाए गए, जिसके बाद उनका तबादला पीएसी सेक्टर मुरादाबाद कर दिया गया। बिकरू मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का भी गठन किया गया था, जिसके आधार पर अनंत देव को 12 नवंबर, 2020 को निलंबित कर दिया गया था। अब, लगभग दो साल बाद उन्हें सरकार द्वारा बहाल किया गया है। पवन कुमार को काम के लापरवाही में किया गया था निलंबित इसके अलावा काम में लापरवाही के आरोप में गाजियाबाद से निलंबित किए गए पवन कुमार को भी बहाल कर दिया गया है। पवन को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद 31 मार्च, 2022 को निलंबित कर दिया गया था। छह महीने बाद उन्हें भी बहाल कर दिया गया है।
तीन आईपीएस अधिकारी अभी भी हैं निलंबित इस बीच, वर्तमान में अनंत देव और पवन कुमार की बहाली के बाद तीन और आईपीएस अधिकारी अभी भी निलंबित हैं। इनमें एडीजी जसवीर सिंह शामिल हैं जिन्हें 14 फरवरी, 2019 को निलंबित कर दिया गया था, मणिलाल पाटीदार जिन्हें 9 सितंबर, 2020 को महोबा में पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात होने पर भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया था और अलंकृता सिंह 27 अप्रैल 2022 को विदेश जाने के लिए निलंबित कर दिया गया था। साथ ही अनंत देव और पवन को बहाल कर अब प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है।