ऋषिकेश में नारी संसद में होगा मंथन, यूपी और केरल के गवर्नर होंगे मुख्य वक्ता
भोपाल
ऋषिकेश में अगले सप्ताह होने वाले नारी संसद कार्यक्रम में एमपी की पूर्व राज्यपाल और वर्तमान में यूपी की गवर्नर आनंदी बेन पटेल, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मुख्य वक्ता होंगे। 8 व 9 अक्टूबर को होने वाले दो दिवसीय आयोजन का मकसद भारतीय नजरिए से महिलाओं के अतीत और वर्तमान पर संजीदा विमर्श को आगे बढ़ाना है। इससे व्यावहारिक ज्ञान की जो धारा निकलेगी, उससे भविष्य की कार्ययोजना के प्रस्ताव तैयार होंगे। जो काम राज को करना है, उससे जुड़े प्रस्ताव केंद्र व राज्य सरकारों को सौंपे जाएंगे।
बैठक में केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखंड ऋतु खंडूडी भूषण भी शामिल होंगे। इसके अलावा परमार्थ के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती, चिंतक व विचारक केएन गोविंदाचार्य व जल पुरुष राजेंद्र सिंह, सांसद मनोज तिवारी, पर्यावरणविद वंदना शिवा, कई विश्वविद्यालयों की महिला कुलपति बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत करेंगी। आयोजन की पूरी कार्ययोजना तैयार करने और उसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी प्रो. प्रत्युश वत्सला, प्रो. शीला मिश्रा, प्रो. सीमा सिंह और प्रो. कुमुद शर्मा उठा रही हैं। अमेरिकी दूतावास के राजनीतिक सलाहकार संयोजक, वरिष्ठ पत्रकार रविशंकर तिवारी कार्यकारी संयोजक व विचारक प्रो पीएन मिश्रा सलाहकार की भूमिका में होंगे।
दो दिवसीय संसद में चार सत्र
दो दिवसीय इस संसद के चार सत्र होंगे। चूंकि भारतीय समाज की प्राथमिक इकाई परिवार है और इसके केंद्र में महिला है तो पहला सेशन परिवार की संरचना और कार्य संचालन पर रहेगा। दूसरे सत्र में विदुषी वक्ता खुद बताएंगी कि भारतीय नारी के लिए क्या-क्या करना ठीक रहेगा, उसके सपने क्या हैं और चुनौती कहां आ रही है? तीसरा सत्र नारी शिक्षा, स्वास्थ्य व पर्यावरण से जुड़ा है। आज पश्चिमी सामाजिक परिस्थितियों से प्रभावित विचार हावी होने से नारी वस्तु समझी जाने लगी है। यह बाजारवाद की अधिकता का नतीजा है। नारी की समाज में, घर में, बाहर भूमिका क्या हो, इस पर एक बार पुन: चिंतन की जरूरत है।