गंगरेल से अचानक सिंचाई पानी देना बंद करने से किसान सकते में , 15 अक्टूबर तक पानी की मांग
रायपुर
किसानों को सूचना दिये बिना गंगरेल से खरीफ सिंचाई हेतु पानी देना अचानक बंद कर दिये जाने से दीर्घावधि के धान फसल लेने वाले महानदी मुख्य नहर के कमांड एरिया में आने वाले किसान सकते में आ गये हैं। वे कम से कम एक सप्ताह और सिंचाई पानी देने की मांग को ले अपने स्थानीय जनप्रतिनिधियों का ध्यानाकर्षण कर गंगरेल से पानी छुड़वाने का आग्रह कर रहे हैं। इस संबंध में किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने पूर्वाह्न में जल प्रबंध संभाग क्रमांक 1 के कार्यपालन अभियंता एम बोरकर का जहां ध्यानाकर्षण कराया वहीं देर शाम जिला पंचायत सदस्य अनिता थानसिह साहू एवं ललिता कृष्णा वर्मा ने बोरकर को ज्ञापन सौंप अपने निर्वाचन क्षेत्र के ग्रामों में सिंचाई पानी की आवश्यकता को देखते हुये आसन्न 15 अक्टूबर तक महानदी मुख्य नहर के बुडेनी क्रास रेगुलेटर तक सिंचाई पानी देने का आग्रह किया है। मिली जानकारी के अनुसार गंगरेल से महानदी मुख्य नहर में पानी का आवक शुरू हो इसके 78 किलोमीटर तक पहुंच गया है।
ग्राम नारा के सरपंच हेमंत चंद्राकर , खौली के सरपंच धनाजिक चंद्राकर , भानसोज के सरपंच श्रीमती ऊषा भुवनेश्वर धीवर व युवा कृषक द्रोण चंद्राकर , टेकारी के सरपंच नंदकुमार यादव व? ग्रामीण सभा अध्यक्ष रामानंद पटेल सहित सिंचाई पंचायत के अध्यक्ष रहे गोविंद चंद्राकर , थानसिह साहू , प्रहलाद चंद्राकर , हिरेश चंद्राकर , चिंताराम वर्मा , धनीराम साहू , तुलाराम चंद्राकर , भारतेन्दु साहू आदि के अनुसार अभी तक मिला सिंचाई पानी शीध्र व मध्यकालीन धान के पर्याप्त है व इसके लिये और पानी की आवश्यकता नहीं है परंतु दीर्घावधि वाले धान की फसल के लिये अभी और कुछ दिन के लिये सिंचाई पानी की आवश्यकता है। ग्रामों में मुनादी कराये बिना अचानक ही महानदी मुख्य नहर में सिंचाई पानी देना बंद किये जाने से ऐसी फसल बोने वाले किसानों के सकते में आने की जानकारी देते हुये इन जनप्रतिनिधियों ने भी अभी और कुछ दिन सिंचाई पानी देने की मांग की है। इधर महानदी मुख्य नहर के 101किलोमीटर से निकले भाटापारा शाखा नहर के अधीनस्थ आने वाले कनकी उपसंभाग के कमांड एरिया के कतिपय ग्रामों के किसान भी बोये गये दीर्घावधि वाले धान के लिये पानी की आवश्यकता ठहरा रहे हैं। शर्मा के अनुसार इनमें से कतिपय ग्रामों के किसानो द्वारा इस ओर ध्यानाकर्षण कराये जाने पर उन्हें अपने – अपने पंचायत के माध्यम से विभागीय अधिकारियों को मांगपत्र अविलंब भिजवाने की सलाह दी है।