प्रदेश में तीन जिलों की रेत खदानें नौ माह के लिए नीलाम
भोपाल
महंगी रेत खरीद रहे लोगों की परेशानी कुछ और कम होने वाली है। राज्य सरकार इसी माह 14 जिलों की रेत खदानों से उत्खनन शुरू करा देगी। इनमें से नरसिंहपुर, ग्वालियर व बैतूल जिले की खदानों की नीलामी प्रक्रिया पूरी हो गई है, जबकि सात जिलों की खदानों की नीलामी और ठेकेदारों से अनुबंध की प्रक्रिया अंतिम चरण पर है। चार जिलों में नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन खदानों से ठेकेदार जून 2023 तक उत्खनन कर सकेंगे। मई 2023 में सरकार नई रेत नीति ला रही है। जिसमें बड़े स्तर पर फेरबदल के साथ रायल्टी शुल्क में भी वृद्धि की संभावना है।
तीन महीने बाद एक अक्टूबर से रेत घाट खुले (खदानों में उत्खनन शुरू) हैं। अब बाजार में मांग के मुताबिक रेत आ रही है। जिससे रेत के दाम कम हो रहे हैं। सितंबर में फुटकर में 6600 से 7200 रुपये प्रति सौ घनफीट बिकने वाली रेत अब 6200 से 6900 रुपये तक आ गई है। तवा नदी की रेत के दाम भी कम हुए हैं। हालांकि अभी और गुंजाइश है। पिछले माह 33 से 44 हजार रुपये प्रति सात सौ घनफीट बिकी रेत के दाम 28 से 34 हजार रुपये तक आने की उम्मीद की जा रही है। उधर, इन 14 जिलों में खदानें शुरू होने से वहां भी रेत के दाम कम होंगे।
अनुबंध की प्रक्रिया अंतिम चरण में
आलीराजपुर, मंदसौर, शाजापुर, रतलाम, अशोकनगर, आगर-मालवा, गुना जिलों की खदानों की नीलामी और ठेकेदारों से अनुबंध की प्रक्रिया अंतिम चरण पर है। जबकि बुरहानपुर, डिंडोरी, सिवनी सहित एक अन्य जिले की रेत खदानों की प्रक्रिया निविदा के स्तर पर है। ठेकेदारों ने यह खदानें रायल्टी की राशि न निकाल पाने और अपेक्षाकृत मुनाफा न होने के कारण छोड़ दी थीं, तो कुछ ठेकेदारों की रायल्टी की राशि समय पर न आने के कारण सरकार ने लीज निरस्त कर दी।