कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शनिवार को लखनऊ दौरे पर आएंगे, 400 गाड़ियों का रहेगा काफिला
लखनऊ
कांग्रेस में पीसीसी सदस्यों की सूची का विवाद गहराता जा रहा है। लखनऊ शहर अध्यक्ष (दक्षिणी) दिलप्रीत सिंह ने पीसीसी सदस्यों की सूची पर आपत्ति करते हुए इस्तीफा दे दिया है। हालांकि प्रांतीय अध्यक्ष नकुल दुबे ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया है लेकिन नए प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी के सामने असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने की जिम्मेदारी रहेगी।
बृजलाल खाबरी शनिवार को आएंगे लखनऊ
नए प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी शनिवार को लखनऊ आएंगे और प्रदेश कार्यकारिणी के साथ बैठक करेंगे। कार्यक्रम के अनुसार वह उरई से सड़क मार्ग से आएंगे और उनके साथ 400 से ज्यादा गाड़ियों का काफिला चलने की योजना है। बृजलाल खाबरी जमीनी और संगठन के अनुभवी नेता हैं। उनकी सांगठानिक सूझबूझ का लाभ कांग्रेस को मिलेगा। फिलहाल पार्टी के अंदरखाने में पीसीसी सदस्यों की सूची को लेकर रोष और असंतोष है।
वहीं लंबे समय से प्रदेश अध्यक्ष न होने और विधानसभा चुनाव में अति खराब प्रदर्शन होने के कारण पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा हुआ है। इस मनोबल को मजबूत करने और बिखरे हुए संगठन को एक सूत्र में बांधने की चुनौती उनके सामने होगी।
दिलप्रीत सिंह का इस्तीफा नामंजूर
लखनऊ शहर उत्तरी कांग्रेस अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव अज्जू ने बताया कि दिलप्रीत सिंह का इस्तीफा नामंजूर करते हुए उन्हें आश्वस्त किया गया है कि महानगर कांग्रेस कमेटी द्वारा दिए गए सुझावों को प्राथमिकता दी जाएगी। दिलप्रीत सिंह ने कुछ लोगों का नाम पीसीसी सदस्यों की सूची में न होने पर इस्तीफा दिया था। दिलप्रीत सिंह नाराजगी के कारण कार्यक्रमों से दूरी बनाए थे।
पीसीसी सदस्यों में अनुभवी लोगों के नाम नहीं
बस्ती से पूर्व विधायक अम्बिका सिंह, लखनऊ से पूर्व विधायक श्याम किशोर, बनारस से अनिल श्रीवास्तव, आजमगढ़ से ओंकार नाथ सिंह, लखनऊ से प्रमोद सिंह, खलीलाबाद से वीरेन्द्र मदान समेत द्विजेन्द्र त्रिपाठी, कृष्णकांत त्रिपाठी जैसे दर्जनों नाम हैं, जिन्हें पीसीसी सूची में जगह नहीं मिली। असंतुष्ट कार्यकर्ताओं का आरोप है कि नामों का चयन करते समय पुराने लोगों का नाम हटा दिया गया और उन्हीं का नाम शामिल किया गया जो वोट देने में दूसरों की सुन लें। कांग्रेस अध्यक्ष के लिए पीसीसी सदस्य समेत जिला व शहर अध्यक्ष वोट करते हैं।