जिला पंचायत अध्यक्षी के लिए भाजपा का पलड़ा भारी, घोषणा का इंतजार
ग्वालियर
जिला पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का पलड़ा भारी रहने के आसार हैं और पार्टी एक बार फिर अध्यक्ष पद पर अपना कब्जा बरकरार रखने में कामयाब हो सकती है। इसके लिए जिला पंचायत के सभी वार्डों के टेबुलेशन चार्ट तैयार हो चुके हैं और चुनाव परिणामों की घोषणा किए जाने का इंतजार है, जिसके लिए भीमराव अंबेडकर पॉलिटेक्निक कॉलेज के बाहर नेता-कार्यकर्ताओं का जमघट लगने लगा है।
गौरतलब है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के क्रम में आज जिला पंचायत के 13 सदस्यों के निर्वाचन की घोषणा होना है। सूत्रों के मुताबिक विजयी होने वाले 13 प्रत्याशियों में भाजपा का दबदबा रहने की संभावनाएं प्रबल मानी जा रही हैं। इनमें 7 भाजपा, 4 कांग्रेस और 1 बीएसपी समर्थित बताया जा रहा है, जबकि एक निर्दलीय विजयी रहा है। बता दें कि इस चुनाव में 151 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। इसके लिए 263 पंचायतों के अंतर्गत 4 लाख 70 हजार 995 मतदाताओं में से करीब 3 लाख 40 हजार मतदाताओं ने अपना वोट दिया है।
उल्लेखनीय है कि जिला पंचायत के सभी वार्डो की मतगणना के बाद टेबुलेशन का काम हो चुका है। रुझानों के अनुसार अधिक मत पाने वाले सात जिला पंचायत सदस्य सीधे तौर पर भाजपा समर्थित माने जा रहे हैं। जीतने वाले प्रत्याशियों को जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह प्रमाण पत्र देंगे। इसके साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष बनने की जद्दोजहद में और तेजी आने का अनुमान है। दरअसल अध्यक्ष बनने के लिए सात सदस्यों का समर्थन चाहिए और भाजपा समर्थित प्रत्याशियों का बहुमत लगभग तय माना जा रहा है।
मुरार या डबरा के खाते में जा सकती है अध्यक्षी
जिला पंचायत अध्यक्ष का पद मुरार क्षेत्र में आने वाले वार्ड क्रमांक-3 और डबरा क्षेत्र में आने वाले वार्ड- 7 में में से किसी एक के खाते में जाने की संभावना है। हालांकि वार्ड-9 से भी अनुसूचित जाति की महिला प्रत्याशी की जीत हुई है लेकिन इस वार्ड से अध्यक्ष चुनने की संभावना बेहद कम है। अध्यक्ष पद को हथियाने के लिए अब सत्ताधारी दल के ही तीन नेता रस्साकसी में लगे थे। इनमें से एक मंत्री ने खुद को फिलहाल जिला पंचायत की राजनीति से दूर कर लिया है। अब मैदान में एक राज्यमंत्री और कांग्रेस से भाजपा में आई एक पूर्व केबिनेट मंत्री ही जोर आजमाइश कर रही हैं।