November 23, 2024

भाजपा पार्टी में विन्ध्य के नेता बगावत में सबसे आगे, 400 कार्यकर्ताओं को निष्कासित

0

भोपाल
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे अधिक विधायक देने वाले विन्ध्य क्षेत्र के सात जिलों में नगरीय निकाय चुनाव के दौरान बगावत ने पार्टी के लिए नई चुनौती की स्थिति पैदा की है। यहां पूरे प्रदेश में पौने दो सौ से बगावती नेताओं को पार्टी को छह साल के लिए बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा है और अब साल भर बाद होने वाले विधानसभा चुनावों में इनके समर्थकों को साधना पार्टी के लिए चुनौती भरा काम होगा।

पूरे नगरीय निकाय चुनाव के दौरान 2200 कार्यकर्ताओं को समझाइश देकर नामांकन वापस कराने के बाद पार्टी को 400 मंडल अध्यक्ष, जिला महामंत्री, जिला उपाध्यक्ष, पूर्व पार्षद समेत अन्य पदों पर काबिज और पूर्व पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा है।  भाजपा ने नगरीय निकाय चुनाव में टिकट वितरण के लिए संभागीय समितियों के साथ जिला स्तरीय कोर कमेटियों के जरिये प्रस्ताव मांगे थे और उसी के आधार पर सभी नगर निगमों और नगरपालिका व नगर परिषदों के टिकट बांटे गए थे।

इस टिकट वितरण से पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं में सबसे अधिक असंतोष देखा गया है। इसके चलते नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी की तमाम समाझईश के बाद भी कई नेता और कार्यकर्ता नहीं माने और मजबूर होकर पार्टी से छह साल से निष्कासित किए गए हैं। जिला स्तर पर अध्यक्षों को निष्कासन के विवाद से बचाने के लिए पार्टी ने निष्कासन आदेश प्रदेश कार्यालय से जारी कराया है ताकि लोकल लेवल पर नेताओं के बीच किसी तरह की विवाद की स्थिति न बने। हालांकि ये नाम जिला अध्यक्षों और जिला कोर कमेटियों के माध्यम से ही प्रदेश संगठन तक पहुंचे हैं।

पार्टी ने सख्ती का दिया संदेश
पार्टी सूत्रों के अनुसार नामांकन दाखिले के दौरान अधिकृत प्रत्याशियों के विरुद्ध नामांकन भरने वाले 2200 कार्यकर्ताओं को पार्टी ने मान मनौव्वल के जरिये नामांकन वापसी के लिए मना लिया था। इसके बाद भी साढ़े तीन सौ से अधिक कार्यकर्ता नहीं माने थे और दोनों ही चरणों की वोटिंग के पहले पार्टी ने अंतिम दौर तक की समझाईश के बाद करीब 400 कार्यकर्ताओं को निष्कासित किया है। अंतिम दौर में कुछ ऐसे कार्यकर्ताओं को निष्कासन से राहत दी गई जिन्होंने पार्टी कैडिंडेट का समर्थन कर दिया और लिखित में दिया कि वे चुनाव से पीछे हट रहे हैं। ऐसा करके पार्टी ने अनुशासनहीनता के मामले में सख्ती का संदेश दिया है।

इसलिए बढ़ी दावेदारों की संख्या
भाजपा इस समय सबसे बड़ी पार्टी है और पार्टी के  कई कार्यकर्ता सालों से पार्षद पद के लिए जोर आजमाईश कर रहे थे। संगठन का कहना है कि सभी को तो टिकट दिया नहीं जा सकता। इसलिए जीतने वालों को टिकट दिया गया और ऐसे में सबसे बड़ा दल होने के नाते दावेदार की संख्या ज्यादा होना स्वाभाविक है। हालांकि मान मनौव्वल के बाद जिस तरह से कार्यकर्ता चुनाव लड़ने से पीछे हटे, वह संगठन की सफल रणनीति का ही हिस्सा है। इसके बावजूद कई कार्यकर्ता और नेता नहीं माने तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने में भी पार्टी ने कोताही नहीं की।

इस जिलों से इतने निष्कासन
भाजपा के 57 संगठनात्मक जिलों में जिन जिलों से मुख्य रूप से अधिकतम कार्यकर्ता निष्कासित किए गए हैं, उनमें रीवा और शहडोल के नाम आगे हैं। रीवा से 74 और शहडोल से 71 कार्यकर्ताओं को निष्कासित किया गया है। इसके साथ ही अन्य शहरों में सतना में 62, इंदौर शहर में 8, इंदौर ग्रामीण में 13, भोपाल में 24, सिंगरौली में 6, खरगोन में 29, अनूपपुर में 19, मंदसौर में 14, विदिशा में 41, निवाड़ी में 9 कार्यकर्ता पार्टी से निष्कासित किए गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *