September 23, 2024

लेक्चरार से होगी कॉलेज में प्राचार्यों की पूर्ति

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भोपाल
प्रदेश में पांच इंजीनियरिंग कॉलेज और 67 पॉलीटेक्निक संचालित हो रहे हैं। ये सभी नियमित प्राचार्य नहीं बल्कि प्रभारी प्राचार्यों के भरोसे चल रहे हैं। इसलिए शासन ने प्राचार्यों की भरपाई करने प्रोफेसर और लेक्चरर पर भरोसा जताया है। अब शासन पांच-पांच साल के लिये प्रोफेसर और लेक्चरर को इंजीनियरिंग कालेज और पालीटेक्निक में प्राचार्य नियुक्त करेगी।

इंजीनियरिंग कालेज और पालीटेक्निक में दो प्रकार के प्रोफेसर और लेक्चरर पदस्थ हैं। इसमें 2004 के भर्ती नियम और शासन के भर्ती नियमों से एमपीपीएससी से नियुक्तियां की गई हैं। 2004 की नियुक्तियां सोसायटी के पदों के तहत की गई हैं। जबकि इसके पहले की भर्ती शासन के भर्ती नियमों से की गई है। नियमों में मतभेद होने के कारण तकनीकी शिक्षा व्यस्था पूरी तरह से हासिये पर आ चुकी है। इसलिये विभाग प्रोफेसर और लेक्चरर के स्थानांतरण तक नहीं कर पाता है। इसके चलते उन्हें पदोन्नत तक नहीं किया जा सकता है। शासन ने प्रभारी प्राचार्यों को हटाकर नियमित प्राचार्य करने के लिये गजट नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें प्रोफेसर को इंजनियरिंग कालेज में प्राचार्य और लेक्चरर को पांच साल के लिये पालीटेक्निक में प्राचार्य नियुक्त किया जाएगा।

शासन पालीटेक्निक और इंजीनियरिंग कालेजों की सोसायटी भंग कर उन्हें शासन में मर्ज करने की तैयारी कर रहा है।  प्रदेश के पांच इंजीनियरिंग कॉलेज और 67 पालीटेक्निक में प्राचार्य नियुक्त करने के लिये नियम तैयार हो रहे हैं। इसके बाद शासन सिर्फ शासकीय संवर्ग के प्रोफेसर और लेक्चरर को प्राचार्य की नियुक्ति करने आवेदन जमा कराएगा। इसमें एजीपी और वरिष्ठता के आधार पर प्राचार्यों की नियुक्ति की जाएगी।

यह प्राचार्य हैं पदस्था
प्रदेश के 67 पालीटेक्निक में गिनती के प्राचार्य ही नियुक्ति हैं। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक भोपाल के एसवी पालीटेक्निक और महिला पालीटेक्निक में केबी राव, बीपी गुप्ता महिला पालीटेक्निक जबलपुर, आशीष डोंगरे इंदौर, आरएन तिवारी शिवपुरी, आरएस लावंशी इटारसी, एससी डाबू संचालनालय, आरपी वामनकर जावरा, एमसी गुप्ता डबरा, शशि विकसित ग्वालियर, आरके परवा मंडला और राजेश शर्मा झाबुआ पालीटेक्निक में पदस्थ हैं।

26 को होगी बीयू की ईसी की बैठक
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद की बैठक 26 जुलाई को होगी। ये बैठक गत तीन मई को होना थी, लेकिन इसके पहले चुनाव आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के चलते आचार संहिता लगा दी थी। इसलिये बीयू कुलपति प्रो. आरजे राव ने तत्काल चुनाव आयोग को पत्र लिखकर बैठक कराने की अनुमति मांगी। आयोग ने कुलपति राव के पत्र का कोई जवाब नहीं दिया। अधिकारियों का कहना है कि आयोग बैठक कराने की मंजूरी नहीं दे सकता था, तो वह पत्र लिखकर बैठक कराने पर इंकार भी कर सकता था। उनके इंतजार में दो माह का समय बीत गया। इससे अधिकारी व प्रोफेसर खफा भी हैं। अब कुलपति ने आचार संहित खत्म होने के बाद 26 जुलाई को बैठक कराने का निर्णय लिया है। दो माह का समय बीतने के बाद एजेंडे में कुछ और मुद्दों को जुड़ने पर भी विचार किया जा रहा है।

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