September 25, 2024

पदोन्नति में आरक्षण: 6 साल बाद तैयार हुए नए नियम

0

हर साल तय होंगे पद, उपलब्धता पर मिलेगा आरक्षण
तीन साल तक ही आरक्षित रखी जाएगी पोस्ट
भोपाल

करीब छह साल के अंतराल बाद अंतत: पदोन्नति में आरक्षण का नया फॉर्मूला तैयार किया गया है। इसे शीघ्र ही लागू करने के आसार हैं। नए फॉर्मूला अंतर्गत पदोन्नति के पदों का निर्धारण अब हर साल होगा व उपलब्ध पद के आधार पर ही आरक्षण तय होगा। इसी तरह,पदोन्नति में आरक्षण के लिए पदों को अब सिर्फ तीन साल के लिए ही रिक्त रखा जा सकेगा। इस दौरान पात्र  अधिकारी,कर्मचारी के उपलब्ध नहीं होने पर पद को शून्य घोषित कर नए सिरे से गणना होगी।

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार,विधि विभाग के परामर्श के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने पदोन्नति में आरक्षण नियम-2022 तैयार कर लिए है। नियमों के तय किए जाने से पूर्व नए नियमों को लेकर गहन मंथन हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया था। समिति ने तीन बैठकें की और आरक्षित व अनारक्षित वर्ग के कर्मचारी संगठनों का पक्ष लिया। इसके आधार पर विभाग ने नियम का प्रारूप तैयार करके विधि विभाग को भेजा था।

विधि विभाग की आपत्ति के बाद बदला नियम
समिति की अनुशंसा में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित पद पर पदोन्नति के लिए पात्र अधिकारी-कर्मचारी नहीं मिलने पर पद रिक्त रखा जाना प्रस्तावित था। इस पर विधि विभाग ने आपत्ति उठाते हुए था कि आखिर कब तक पदों का रिक्त रखा जा सकता है। इसी तरह पदों की गणना के तरीके को लेकर भी स्थिति स्पष्ट करने की सलाह दी थी। सामान्य प्रशासन विभाग ने विचार-विमर्श करने के बाद अब यह प्रस्तावित किया है कि तीन वर्ष तक ही अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए पदोन्नति के पद रिक्त रखे जाएंगे। यदि इस अवधि में पात्र अधिकारी-कर्मचारी नहीं मिलते हैं तो फि र पद शून्य घोषित कर नए सिरे से पदों की गणना होगा। प्रतिवर्ष एक जनवरी की स्थिति में आरक्षित वर्ग के प्रतिनिधित्व की स्थिति का आकलन किया जाएगा। इसके आधार पर तय होगा कि अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों को कितने प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।

बनेगी संयुक्त सूची
प्रस्तावित नियम के अनुसार प्रतिवर्ष विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक होगी। इसमें रिक्तियों के आधार पर चयन सूची तैयार होगी। पांच वर्ष के गोपनीय प्रतिवेदनों के समग्र मूल्यांकन के आधार पर अंक निर्धारित होंगे। प्रथम श्रेणी के पद पर पदोन्नति के लिए न्यूनतम 15 अंक होने आवश्यक होंगे। इसी तरह द्वितीय श्रेणी के पदों के लिए 14, तृतीय श्रेणी के लिए 12 अंक की अनिवार्यता रहेगी। गौरतलब है कि पदोन्नति न होने से लगभग 60 हजार कर्मचारी अधिकारी सेवानिवृत्त हो गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *