November 25, 2024

हर विकास खंड में एक-एक बागवानी मॉडल गांव होंगे विकसित, योगी सरकार की ये है तैयारी

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 लखनऊ
 
प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों तक बागवानी विकास के कार्यक्रमों को पहुंचाने के मकसद से प्रत्येक विकास खण्ड में एक-एक बागवानी मॉडल गांव विकसित किया जा रहा है। प्रत्येक मॉडल गांव का उपनिदेशक औऱ डीएचओ स्तर के अधिकारी निरीक्षण करेंगे। साथ ही जानकारी के लिए मॉडल गांव के बाहर फ्लैक्स बोर्ड लगाए जाएंगे। बोर्ड में दर्शाया जाएगा कि संबंधित गांव को मॉडल विलेज के रूप में चिन्हित किया गया है।

यह बातें रविवार को प्रदेश के उद्यान एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने रविवार को उद्यान भवन में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय समीक्षा के दौरान अधिकारियों से कहीं। उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग की रिक्त उपजाऊ भूमि पर आलू, बीज, उत्पादन कार्यक्रम को बढ़ाने के लिए विभागीय फार्म हाउस व उत्पादन इकाइयों के पूर्ण विवरण के साथ परिसम्पत्तियों के लिए पंजिका अनुरक्षित की जाए। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग की ऐसी भूमि और भवन जो राजस्व के अभिलेखों में अंकित नहीं है, उसे अंकित कराने का कार्य किया जाए।

उद्यान मंत्री ने निर्देश दिए कि बीज विधायन केंद्र बस्ती व अलीगंज, लखनऊ का पूर्ण क्षमता के साथ उपयोग किया जाए। उन्होंने नवोन्मेषी कार्यक्रमों के तहत ड्रैगन फ्रूट, स्ट्राबेरी आदि फसलों का क्षेत्र विस्तार करते हुए गुणात्मक उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया। किसानों को मंडी के पास कोल्ड रूम बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने सभी उपनिदेशकों को माह के पहले सप्ताह में मण्डलीय बैठक करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि ‘पर ड्राप-मोर-क्रॉप’ के तहत कम प्रगति वाले जिलों को सप्ताहवार लक्ष्य देकर समीक्षा की जाए। 20 अक्टूबर तक रबी के फसलों के बीज वितरित कर दिए जाएं। संतोषजनक प्रगति न करने वाले जिलों के उद्यान अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस दिए जाएं।
कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने निर्देश दिया कि विभागीय योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करते हुए बागवानी विकास के सभी आयामों को समेकित एवं क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाये। सभी उपनिदेशक और उद्यान अधिकारी अपने जिले में होने वाली औद्यानिक फसलें कितनी मात्रा में हो रही है, उसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराएं।

समीक्षा बैठक में मधुमक्खी पालन के विकास के लिए एक विशिष्ट सेंटर आफ एक्सीलेन्स, लखनऊ में एवं संरक्षित खेती के तहत लखनऊ, बाराबंकी, कानपुर, हापुड़ को चिन्हित कर पाली हाउस/शेडनेट हाउस की स्थापना कराने का निर्णय लिया गया। डा. आर.के तोमर, निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा धन्यवाद के साथ सर्वसंबंधित को निर्दिष्ट बिन्दुओं पर प्रभावी एवं समयबद्ध कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया गया।

 

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