September 27, 2024

कलेक्टर ने खजुराहो के मंदिर-मूर्तियों के संरक्षण के संबंध में पुरातत्व अधिकारियों के साथ विशेष बैठक की

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  • पुरातत्व से जुड़े मंदिरों के भवनाशेषों व तालाब से अतिक्रमण हटाएं
  • मतंगेश्वर महादेव मंदिर में लीकेज की जांच करते हुए तुरंत ठीक करने के निर्देश
  • पुरातत्व संपत्ति के 300 मीटर तक नहीं हो कोई निर्माण कार्य

छतरपुर
कलेक्टर छतरपुर संदीप जी.आर. ने खजुराहो के मंदिरों, मूर्तियों तथा पर्यटन स्थलों के सुरक्षात्मक, संरक्षण और विशेष देखरेख के संबंध में पुरातत्व विभाग के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान डॉ शिवाकांत बाजपेयी अधीक्षण पुरातत्वविद जबलपुर, एसडीएम डी.पी. द्विवेदी, सीएमओ खजुराहो एकता अग्रवाल एवं कनिष्ठ संरक्षण सहायक कुणाल शर्मा उपस्थित रहे।

कलेक्टर श्री जी.आर. ने निर्देशित करते हुए कहा कि खजुराहो में ब्रम्हा मंदिर के नजदीक पुरातत्व विभाग को पूर्ववर्ती अधीग्रहण में छूट गई जमीन के आवंटन के लिए पूरक अवार्ड तैयार करने को कहा। उन्होंने पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित ननौरा तालाब को तत्काल अतिक्रमण मुक्त कराने एसडीएम को निर्देश दिए। साथ ही पश्चिमी मंदिर समूह, चित्रगुप्त मंदिर के पीछे दश्शु कुशवाहा का मकान 2003 में अधीग्रहीत किया जा चुका है का कब्जा पुरात्व विभाग को सौंपने की कार्यवाही करने तथा पुरातत्व को अधिग्रहीत की गई भूमि को 15 दिवस के अंदर राजस्व अभिलेखों में दर्ज करने के निर्देश दिए। उन्हांेने सीएमओ को निदेर्शित करते हुए कहा कि नप राजनगर सेवाग्राम कॉलोनी से तालाब में आ रहे दूषित पानी को रोकने त्वरित इंतजाम करें। उन्होंने कहा कि खजुराहो के प्राचीन मंदिरों के 10 भवनाशेषों पर अतिक्रमण किया गया है कि सूची लेकर सीमांकन कराते हुए उसे राजस्व की टीम के साथ हटवाएं तथा पुरातत्व विभाग को उसकी तार फेंसिंग कर संरक्षण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री जी.आर. ने कहा कि जैन मंदिर क्षेत्र के अंदर संरक्षित पुरातत्व के दृष्टिकोण से बहुमूल्य मूर्तियों के संरक्षण के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाकर सतत् निगरानी करें। उन्हांेने निर्देशित किया कि सुरक्षात्मक दृष्टि से पुरातत्व की संपत्ति के आसपास 300 मीटर तक किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं होगा। उन्हांेने मतंगेश्वर महादेव मंदिर में पानी लीकेज की बात संज्ञान में आने पर गंभीरता से लेते हुए पुरातत्व विभाग को आवश्यक जांच करते हुए उक्त लीकेज को ठीक करने के निर्देश दिए। जिससे पूजा-अर्चना में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो सके।

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