‘क्रिटिकल है भारत और अमेरिका के बीच रिश्ता’, अमेरिकी वित्तमंत्री ने निर्मला सीतारमण को भेजा संदेश
नई दिल्ली
पिछले एक महीने से भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते में कई बार उतार चढ़ाव आए हैं, लेकिन इन सबके बीच अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने मंगलवार को कहा कि, दुनिया की वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत-अमेरिका संबंध क्रिटिकल है। मंगलवार शाम को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक के बाद जेनेट येलेन ने घोषणा की, कि वह अमेरिका-भारत आर्थिक और वित्तीय साझेदारी के नौवें संस्करण में भाग लेने के लिए अगले महीने भारत की यात्रा करेंगी।
महत्वपूर्ण है भारत-अमेरिका रिश्ता
येलेन ने यूएस डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी द्वारा जारी बयान के हवाले से कहा कि, "वित्तमंत्री सीतारमण, आज ट्रेजरी विभाग में आपका स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिका-भारत संबंध महत्वपूर्ण हैं। मुझे आज यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है, कि नवंबर में G20 की बैठकों से पहले, यूएस-इंडिया इकोनॉमिक एंड फाइनेंशियल पार्टनरशिप, हमारी नौवीं पार्टनरशिप मीटिंग में भाग लेने के लिए, मैं ट्रेजरी सेक्रेटरी के रूप में अपनी पहली भारत यात्रा करूंगी।" आपको बता दें कि, भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ सालों में कई महत्वपूर्ण व्यापारिक संबंध स्थापित हुए हैं और कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच बातचीत चल भी रही है।
'आर्थिक संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है साझेदारी'
दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों के महत्व को रेखांकित करते हुए अमेरिकी ट्रेजरी सचिव ने कहा कि, "यह साझेदारी न केवल हमारे मुख्य आर्थिक हितों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे नागरिकों और दुनिया के सामने भी इस बात को प्रदर्शित करता है, कि लोकतंत्र क्या कुछ दे सकता है।" येलेन ने कहा कि,"यह हमारे दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों को दर्शाता है,जिसमें क्वाड साझेदारी से हमारे मजबूत द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों और अमेरिका में भारतीय प्रवासियों के सांस्कृतिक संबंधों को दिखाता है।" अमेरिका की वित्तमंत्री येलेन ने कहा कि, "संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत दोनों विश्व अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, और हमें आर्थिक विकास और सहयोग पर मिलकर काम करना जारी रखना चाहिए, जिसने हमारी साझेदारी को इतना मजबूत बना दिया है।"
सप्लाई चेन को मजबत करने की जरूरत
अमेरिकी फाइनेंस सेक्रेटरी येलेन ने कहा कि, भारत और अमेरिका दोनों को COVID-19 और यूक्रेन के खिलाफ रूस के "अन्यायपूर्ण" युद्ध की वजह से विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि, "उन वैश्विक झटकों ने हमारे दोनों देशों में ऊर्जा और खाद्य कीमतों को बढ़ा दिया है, और उन्होंने हमारे दोनों देशों द्वारा हमारी अर्थव्यवस्थाओं को और अधिक लचीला बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया है।" अमेरिकी सचिव ने कहा कि, वह इस बात पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं, कि कैसे दोनों देश सप्लाई चेन को मजबूत करेंगे और क्लीन एनर्जी में निवेश करेंगे, इसके अलावा अमेरिका वैश्विक तेल बाजारों को निकट अवधि में अच्छी तरह से आपूर्ति करने के लिए जो कदम उठा रहा है, उसको लेकर भी भारतीय वित्तमंत्री से बात होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया, कि "यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि कैसे उच्च ऊर्जा लागत ने हमारे दोनों देशों में उपभोक्ताओं को प्रभावित किया है और विश्व स्तर पर उभरते बाजारों को प्रभावित किया है।"
जी20 से पहले महत्वपूर्ण बैठक
अमेरिकी वित्तमंत्री ने अपने बयान में कहा कि, "दिसंबर में होने वाली G20 की अध्यक्षता में भारत की धारणा भी अधिक ठोस वैश्विक सहयोग के लिए एक प्रमुख अवसर है। मैं उनके मेजबान वर्ष के लिए भारत की प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं और इस महत्वपूर्ण भूमिका को निभाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका आपका सबसे अच्छा समर्थन कैसे कर सकता है, इस बात को हम जानना चाहते हैं।" आपको बता दें कि, भारत इस साल जी20 देशों की अध्यक्षता कर रहा है और अगले साल भारत में महत्वपूर्ण जी20 शिखर सम्मेलन होने वाला है, जिसमें जी20 देशों के अध्यक्ष भारत का दौरा करेंगे। यूएस ट्रेजरी सेक्रेटरी ने आगे कहा कि, अमेरिका इस बात से खुश है कि भारत इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क में शामिल हो रहा है। इस फ्रेमवर्क के माध्यम से, संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगी हमारे आर्थिक बंधनों को गहरा करेंगे और महंगे व्यवधानों से बचने के लिए हमारी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेंगे।