November 16, 2024

तीसरा विश्वयुद्ध होना लगभग तय! जेलेंस्की ने G7 देशों से की एयर शिल्ड बनाने की अपील

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यूक्रेन
रूस की भारी बमबारी के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने सात देशों के समूह (जी 7) देशों के नेताओं से वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने की अपील की है, जिसके जवाब में विश्व की सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने यूक्रेन को ज्यादा से ज्यादा मदद पहुंचाने का वचन दिया है। लेकिन, जेलेंस्की ने जी7 नेताओं से यूक्रेन के ऊपर एयरशिल्ड बनाने की भी मांग की है और अगर ऐसा होता है, तो फिर धरती पर प्रलय मचना तय होगा, क्योंकि ऐसा होते ही तीसरे विश्वयुद्ध की बिगुल बज जाएगी और इस बार का ये युद्ध कहां जाकर खत्म होगा, ये कोई नहीं कह सकता है।
 
जेलेंस्की ने की एयरशिल्ड बनाने की अपील
मंगलवार को जी7 नेताओं के साथ यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की है और दुनिया के प्रमुख नेताओं की ये बैठक उस वक्त हुई, जब रूसी बम बारिश की तरह यूक्रेनी शहरों पर गिर रहे थे और पुतिन ने इससे भी भयानक तबाही की चेतावनी दे रखी है। इस बैठक के दौरान जेलेंस्की ने रूस को रोकने के लिए यूक्रेन को "एयर शील्ड" बनाने की अपील जी7 नेताओं से की। जी7 नेताओं के साथ बैठक के दौरान जेलेंस्की ने कहा कि, "मैं आपसे यूक्रेन के लिए एक एयर शील्ड के निर्माण के साथ आर्थिक रूप से मदद करने के लिए समग्र प्रयास को मजबूत करने की मांग कर रहा हूं। इस तरह की सहायता के लिए लाखों लोग जी7समूह के आभारी होंगे।" उन्होंने एक वीडियो संबोधन में कहा कि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पास "अभी भी आगे बढ़ने की गुंजाइश है"।

जी7 ने मदद बढ़ाने का किया वादा
वहीं, बैठक के अंत में जारी एक संयुक्त बयान में G7 देश, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, जापान, यूनाइटेड किंगडम, इटली और कनाडा शामिल हैं, उन्होने यूक्रेन को "वित्तीय, मानवीय, सैन्य, राजनयिक और कानूनी समर्थन … को लंबे समय तक जारी रखने का वादा किया।" बैठक के दौरान जी7 नेताओं ने इस बात पर जोर देते हुए दोहराया कि, नागरिक आबादी पर हमले युद्ध अपराध हैं और उन्होंने "राष्ट्रपति पुतिन और जिम्मेदार लोगों को जिम्मेदार ठहराने" का संकल्प लिया। जी7 नेताओं ने रूस द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्रों को फिर से लेने के लिए यूक्रेन के अभियान को भी अपना समर्थन दिया और हाल ही में परमाणु हमले की धमकी की भी निंदा की। G7 ने जो संयुक्त बयान जारी किया है, उसमें कहा गया है कि, "हम जानबूझकर बढ़ाए जा रहे रूसी कदमों की निंदा करते हैं, जिसमें रिजर्व फोर्स की लामबंदी, और गैर-जिम्मेदार परमाणु हमले को लेकर बयानबाजी शामिल है, जो वैश्विक शांति और सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है।" जी7 ने अपने बयान में आगे कहा कि, "हम पुष्टि करते हैं कि रूस द्वारा रासायनिक, जैविक या परमाणु हथियारों के किसी भी उपयोग के गंभीर परिणाम होंगे।" हालांकि, जी7 देशों की तरफ से एयर डिफेंस बनाने को लेकर जेलेंस्की को कोई जवाब नहीं दिया गया।
 
परमाणु हमले पर जापान की चेतावनी
वहीं, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने आगाह किया कि, परमाणु हमला होने का खतरा किसी भी तरह की भविष्यवाणी करने की इजाजत नहीं देता है और यह काफी गंभीर है, जिसपर नजदीक से ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि, "पिछले 77 सालों से दुनिया ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर रोक लगाना जारी रखा है। परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं करने का यह इतिहास आगे भी जारी रहना चाहिए।" आपको बता दें कि, जापान के प्रधामंत्री किशिदा हिरोशिमा शहर के रहने वाले हैं, जहां पर अमेरिका ने द्वितीय विश्वयुद्ध के समय साल 1945 में परमाणु बम गिराया था, जिसमें हिरोशिमा शहर पूरी तरह से तबाह हो गया था। हिरोशिमा के साथ साथ नाकाशाकी शहर पर भी परमाणु बम गिराया गया था।
 
'टकराव जारी रहेगा'
इससे पहले क्रेमलिन ने G7 की बैठक को खारिज कर दिया था और क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि, मास्को को उम्मीद है, कि पश्चिम के साथ "टकराव" होगा। उन्होंने कहा कि, "शिखर सम्मेलन से पहले मूड अच्छी तरह से समझा जाता है और यह आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है, कि टकराव जारी रहेगा।" पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा कि, "रूस यूक्रेन में "अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करके ही दम लेगा"। यूक्रेन के अधिकारियों के अनुसार, रूस ने सोमवार को यूक्रेन के कई शहरों में 80 से ज्यादा मिसाइलें दागीं हैं, जिसमें कम से कम 19 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए हैं। वहीं, यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि, मिसाइलों की बारिश मंगलवार को भी जारी रही, जिसमें जापोरिज्जिया में एक व्यक्ति की मौत हो गई और लवीव में भी हमले की सूचना मिली। आपको बता दें कि, रूस ने फिर से भीषण बमबारी उस वक्त शुरू की है, जब एक अज्ञात धमाके में क्रीमिया पुल को उड़ा दिया गया, जो रूस को क्रीमिया से जोड़ता है, जिसपर रूस ने साल 2014 में कब्जा कर लिया था। वहीं,पुतिन ने विस्फोट के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया और आगे किसी भी हमले के लिए "गंभीर" प्रतिक्रिया की चेतावनी दी है।

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