November 24, 2024

भारत की डिजिटल पहल ने बैंकिंग को बनाया आसान, डिजिटलाइजेशन के पांच फायदे

0

 नई दिल्ली
 
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे ओलिवर गोरिंचेस ने भारत के डिजिटलीकरण के प्रयासों की सराहना करते हुए बुधवार को कहा कि यह कदम बहुत बड़ा बदलाव लाने वाला रहा है क्योंकि इससे भारत की सरकार के लिए ऐसे काम करना संभव हुआ है, जो अन्यथा बेहद कठिन होते। वहीं आईएमएफ में वित्तीय मामलों के विभाग के उप निदेशक पाओलो माउरो ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की तारीफ करते हुए कहा कि भारत जटिल मुद्दों का समाधान निकालने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिहाज से सबसे प्रेरणादायी मिसाल पेश कर रहा है और इस देश की बहुत सी बातें सीखने लायक है।

इस साल अब तक डीबीटी का लेखा जोखा

पहल स्कीम 56.38 करोड़
मनरेगा 16.57 करोड़

सामाजिक सहायता कार्यक्रम 5.4 करोड़
स्कॉलरशिप 15.47 लाख

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण 79.33 लाख
सार्वजनिक वितरण प्रणाली 1,59.48 करोड़

खाद सब्सिडी 4.45 करोड़
अन्य योजनाओं में 59.74 करोड़

(लेनदेन संख्या में)

डिजिटल होने के पांच फायदे

1 लेनदेन के लिए लोगों को बैंक जाने की जरूरत नहीं रही

2. सरकारी सहायता सीधे जरूरतमंदों के खाते में आने से बिचौलियों की भूमिका खत्म हुई

3. जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने का सरकारी खर्च घटा

4. अर्थव्यवस्था को गति देने में मददगार साबित हो रही यह पहल

5 डिजिटल व्यवस्था में प्रवेश होने से बाजार भी बदल जाते हैं

लेनदेन आसान हुआ

गोरिंचेस ने भारत के डिजिटलीकरण के प्रयासों के बारे में कहा, डिजिटलीकरण कई पहलुओं में मददगार रहा है। पहला है वित्तीय समावेश क्योंकि भारत जैसे दशों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो बैंकिंग प्रणाली से नहीं जुड़े हैं। अब डिजिटल वॉलेट तक पहुंच होने से वे लेनदेन में सक्षम हो पाए हैं। आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा, भारत के लिए एक और महत्वपूर्ण बात मेरे खयाल से यह है कि इन डिजिटल पहलों से सरकार पहुंच बना पाईं और वितरण प्रणाली को लोगों तक पहुंचा सकी जो परंपरागत तरीकों से काफी मुश्किल होता।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *