पंचायत चुनाव में सिवनी की एक और सीधी जिले की दो सीटों पर फंसा पेंच
भोपाल
पंचायत चुनाव में सिवनी की एक और सीधी जिले के दो सीटों पर पेंच फंस गया है। सिवनी में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर पंचायत चुनाव लड़े सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के चुनाव जीतने के बाद भी जाति प्रमाणपत्र नहीं होने के कारण उनका चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग शून्य घोषित कर सकता है। वहीं सीधी जिले में जिला पंचायत के दो वार्डों वार्ड 17 और वार्ड 14 के परिणाम भी शिकायत और कोर्ट में मामला जाने के कारण रुक गए है।
सिवनी जिले में पंचायत चुनाव में एससी के लिए आरक्षित वार्ड क्रमांक एक की सीट पर सामान्य वर्ग के उम्मीदवार ने अपने सरनेम का फायदा उठाते हुए एससी वर्ग का होने का शपथ पत्र देकर नामांकन जमा कर दिया। नामांकन पत्रों की जांच में भी यह गलती नहीं पकड़ी जा सकी। दूसरे उम्मीदवार रामप्रसाद डहेरिया ने इसकी शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी से लेकर आयोग में की लेकिन वहां भी यह शिकायत खारिज हो गई। हाईकोर्ट में भी उनकी याचिका खारिज हो गई।
इसलिए हुई गड़बड़
सिवनी के जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर राहुल हरिदास का कहना है कि शपथ पत्र के आधार पर नामांकन पत्र जमा किये जाने का प्रावधान था इसलिए रिटर्निंग आॅफिसर ने नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया। हाईकोर्ट और आयोग से भी इस संबंध में लगाई गई याचिका खारिज हो चुकी है। सिवनी कलेक्टर राहुल हरिदास का कहना है कि सिवनी जिले में बागरी राजपूत को अनुसूचित जाति वर्ग की मान्यता नहीं है। अब इस मामले में आयोग ही निर्णय लेगा। आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए राज्य सरकार के सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किए गए जाति प्रमाणपत्र की छायाप्रति संलग्न करना जरुरी है। लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग ने यह तर्क दिया कि जाति प्रमाणपत्र नहीं होने पर शपथ पत्र के आधार पर भी चुनाव लड़ा जा सकता है इससे यह गड़बड़ी हो गई।
अब आगे क्या…
अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित पद पर अनारक्षित उम्मीदवार के चुनाव लड़ने और जीतने के बाद भी उसकी वैधानिकता नहीं है। एक पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त का कहना है कि शपथ पत्र के आधार पर नामांकन स्वीकार करने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में तो विधानसभा के चुनाव में भी गलत उम्मीदवार चुनाव लड़ जाएंगे। यदि इस तरह की गड़बड़ी हुई है तो चुनाव जीतने के बाद भी उस उम्मीदवार का चुनाव शून्य घोषित करना होगा। इसके बाद अगले छह माह के अंदर वहां नये सिरे से चुनाव कराना होगा।
सीधी में भी दो परिणाम अटके-
सीधी जिले के दो वार्डों के परिणाम भी रोक दिए गए है। वार्ड 17 में मतगणना में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर एक पक्ष हाईकोर्ट गया था जबकि वार्ड 14 में मतदान को लेकर कई शिकायतें आई थी। वार्ड 14 में हाईकोर्ट के निर्देश पर चुनाव रोके गए है। वार्ड 17 में मतगणना की जिला निर्वाचन अधिकारी के पास सुनवाई होना है इसके बाद यह परिणाम घोषित किए जाएंगे।