September 28, 2024

खुलासा :EOW तीन सालो में भ्रष्ट पुलिस अफसरों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की

0

भोपाल

इंदौर के टीआई की वसूली की शिकायत से नाराज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भ्रष्ट पुलिस अफसरों की लिस्ट बनाने और उन पर ईओडब्ल्यू का छापा डलवाने के निर्देश गृह विभाग के अफसरों को दिए थे। मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद भ्रष्टाचार निवारण का काम करने वाली दो एजेंसियों की ओर से की गई कार्रवाई की पड़ताल की। लोकायुक्त संगठन और ईओडब्ल्यू सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन आती हैं। पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

पता चला कि तीन साल के भीतर ईओडब्ल्यू ने एक भी पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। लोकायुक्त संगठन भी तीन साल में केवल 48 पुलिसकर्मियों को ही रिश्वत लेते पकड़ पाया है। जबकि दोनों एजेंसियों में पुलिस के खिलाफ सैकड़ों शिकायतें पहुंची हैं। ईओडब्ल्यू के पास आय से अधिक की सम्पति के आरोप में केवल दो पुलिस इंस्पेक्टर्स के खिलाफ जांच चल रही है। बता दें कि यहां ऐसी हर महीने औसतन 10-15 शिकायतें डाक या प्रत्यक्ष रूप से पहुंचती हैं। ईओडब्ल्यू सूत्रों का कहना है कि जब भी किसी पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत आती है तो उसे सीआईडी की विजिलेंस विंग को भेज दिया जाता है। सीनियर अफसर जांच के बाद इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हैं, लेकिन उन्हें एफआईआर से अमूमन बचा लिया जाता है। बहुत से मामले विजिलेंस में भी जांच के नाम पर लंबित छोड़ दिए जाते हैं।

लोकायुक्त.. निचले स्तर के पुलिसकर्मी ट्रैप किए

लोकायुक्त पुलिस ने तीन साल के भीतर करीब 48 पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया है। इनमें भी ज्यादातर छोटे स्तर के पुलिसकर्मी शामिल हैं। लोकायुक्त पुलिस द्वारा पिछले तीन सालों में की गई कुल कार्रवाई का ये करीब 9 फीसदी ही है। सूत्रों का कहना है कि लोकायुक्त पुलिस को हर साल औसतन 250-300 शिकायतें पुलिसकर्मियों के खिलाफ मिलती हैं।

जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएं

सीएम शिवराज सिंह चौहान को इंदौर के टीआई धनेंद्र सिंह भदौरिया की वसूली की शिकायत मिली थी। आरोप है कि भदौरिया लोगों को डरा धमकाकर वसूली करते हैं। मुख्यमंत्री ने पुलिस अफसरों से कहा कि वे जीरो टॉलरेंस की नीति से काम करें।

राजस्व विभाग में सबसे ज्यादा कार्रवाई

लोकायुक्त पुलिस ने पिछले तीन साल में 507 लोगों को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। इनमें से सबसे ज्यादा 137 कर्मचारी यानी 27% लोग राजस्व विभाग के हैं। इनमें पटवारी से लेकर नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *