जबलपुर रेल मंडल के 11 रेलवे स्टेशनों पर अब निजी कर्मचारी बेचेंगे जनरल टिकट
जबलपुर
ट्रेनों में सफर करने के लिए यात्री को आरक्षण कराना हो या फिर जनरल टिकट लेनी हो, उन्हें स्टेशन पर बने टिकट काउंटर की लंबी कतार में खड़े होना पड़ता है। रेलवे ने इस समस्या का समाधान तलाश लिया है। रेलवे के जनरल टिकट काउंटर पर अब रेलवे के नहीं बल्कि निजी कर्मचारी तैनात होंगे। काउंटर पर खड़े यात्री को यह टिकट देंगे और उनके भुगतान भी लेंगे। रेलवे ने इस व्यवस्था को निजी कर्मचारियों के हाथों में देने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। इसमें छोटे स्टेशन ही नहीं बल्कि मदनमहल और कटनी जैसे रेलवे स्टेशनों को शामिल किया गया है।
छोटे और बड़े रेलवे स्टेशनों पर बने जनरल टिकट काउंटर पर अभी तक रेलवे के बुकिंग क्लर्क तैनात होते हैं। इन काउंटर पर अब निजी कर्मचारियों को बैठाया जाएगा। यानी जगह और सिस्टम रेलवे का होगा, लेकिन यहां पर काम करने वाले रेलवे के कर्मचारी नहीं बल्कि निजी कर्मचारी होंगे। इसके लिए जबलपुर रेल मंडल ने अपनी सीमा में आने वाले लगभग 11 से ज्यादा बड़े रेलवे स्टेशनों को शामिल किया है। जबलपुर रेल मंडल के कमर्शियल विभाग द्वारा निजी कर्मचारियों को तय नियम और योग्यता के आधार पर चयन करते हुए यहां तैनात करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
वेतन नहीं, बिक्री का प्रतिशत मिलेगा
जनरल टिकट काउंटर पर तैनात होने वाले निजी कर्मचारियों को रेलवे वेतन नहीं देगा। इन्हें टिकट काउंटर पर बैठने के बदले, टिकट ब्रिकी का एक निर्धारित प्रतिशत दिया जाएगा। एक दिन में जो भी टिकट बिक्री होगी इसका एक से दो प्रतिश्ात राश्ाि का भुगतान होगा। इस आधार पर रेलवे मदनमहल, कटनी, सिहोरा, पिपरिया, करेली और कई स्टेशनों पर निजी कर्मचारियों को तैनात करने में जुटा है। इस व्यवस्था के लागू करने के बाद जनरल टिकट काउंटर की संख्या में भी इजाफा किया जाएगा।