18 अक्टूबर से शुरू होगा सीएलसी का पंजीयन
भोपाल
प्रदेश के गरीब विद्यार्थियों ने तकनीकी शिक्षा विभाग की ट्यूशन फीस वेबर स्कीम (टीएफडब्ल्यू) की सीटों पर 72 फीसदी प्रवेश लिये हैं। 28 फीसदी विद्यार्थियों ने छोटे स्तर के कॉलेज और अपनी पसंद नहीं मिलने के कारण कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (सीएसई) में फीस देकर ब्रांडेड कॉलेजों में प्रवेश लिए हैं। वहीं ईडब्ल्यूएस में महज 32 फीसदी सीटों पर ही प्रवेश हो सके हैं। अब 68 फीसदी सीटें रिक्त रहेंगी।
सूबे के 143 कॉलेजों में तीन से 12 सीटें टीएफडब्ल्यू में दी गई हैं। दो राउंड की काउंसलिंग एक हजार 630 सीटों में से एक हजार 170 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिए हैं। कॉलेज संचालकों से सीएस, आई, मेकेनिकल में सबसे ज्यादा टीएफडब्लयू की सीटें ली हैं। उक्त प्रवेश में 60 फीसदी विद्यार्थियों ने सीएसई की सीट पर प्रवेश लिए हैं। वहीं, सीएसई नहीं मिलने की दशा में विद्यार्थियों आईटी में प्रवेश लेकर समझौता किया है। क्योंकि वे अगले वर्ष तीसरे सेमेस्टर में आकर अपनी ब्रांच को सीएसई में चेंज कर सकेंगे। इसके अलावा कई विद्यार्थियों ने मेकेनिकल में प्रवेश लिए हैं, जिन्हें सीएसई और आईटी में कोई दिलचस्पी नहीं हैं।
ईडब्ल्यूएस में विभाग ने प्रदेश के 143 कॉलेजों में करीब छह हजार 200 सीटें रखी हुई थीं। इसमें से करीब दो हजार विद्यार्थी ही प्रवेश ले सके हैं। अभी भी करीब चार हजार 200 सीटें रिक्त बनी हुई है।
ब्रांडेड कॉलेजों को दी मोटी फीस
काउंसलिंग अध्यक्ष ने सभी टीएफडब्ल्यू की सीटों पर अलाटमेंट जारी किए थे, लेकिन विद्यार्थियों को सीएसई नहीं मिलने के कारण उन्होंने प्रथम और दूसरे चरण के अलाटमेंट छोड़ दिए हैं। उन्होंने सीएसई पढ़ने के लिए ब्रांडेड कॉलेजों की मोटी फीस देकर प्रवेश लिए हैं।
सीएस में हुए अधिक प्रवेश
सीएसई की स्पेशलाईजेशन ब्रांच में शामिल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट्स, इंटरनेट आफ थिंग्स, डाटा साइंस में विद्यार्थियों ने प्रवेश लिए हैं। इससे उन्हें नौकरी के आसार बनेंगे। उक्त रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए विद्यार्थी 18 अक्टूबर से पंजीयन कर सकेंगे।